केंद्र सरकार की योजना प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम योजना को हिमाचल में बेहतर ढंग से लागू करने पर मिला पुरस्कार
प्रदेश के बेस्ट युवा आईएएस अधिकारी के रुप में होती है राकेश प्रजापति की पहचान
शिमला. उद्योग विभाग के निदेशक राकेश प्रजापति ने अपने काम के दम पर पहचान बनाई है। प्रदेश के बेस्ट युवा आईएएस अधिकारियों के रुप में उनकी पहचान है। अपने काम के दम पर राकेश प्रजापति ने एक और राष्ट्रीय ईनाम अपने नाम किया है। देश के छोटे से प्रदेश हिमाचल के नाम पर राष्ट्रीय इनाम आना अपने आप में बड़ी बात है, जो राकेश प्रजापति के काम के दम पर संभव हो पाया है। हिमाचल प्रदेश को प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम योजना (पीएमएफएमई) में बेहतर प्रदर्शन के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने हिमाचल को सम्मानित किया है। नई दिल्ली में प्रगति मैदान के भारत मंडपम में चल रहे वर्ल्ड फूड इंडिया कार्यक्रम में उद्योग विभाग के निदेशक राकेश प्रजापति ने राष्ट्रपति से यह पुरस्कार ग्रहण किया। इस योजना के तहत हिमाचल देशभर में प्रथम रहा है।
केंद्र सरकार की पीएमएफएमई योजना के तहत उन लोगों को आर्थिक मदद दी जाती है, जो फूड इंडस्ट्री में काम शुरू करना चाहते हैं। हिमाचल ने देशभर में इस योजना के तहत बेहतर प्रदर्शन करते हुए अधिक लोगों तक लाभ पहुंचाया है। उद्योग विभाग ने इस संबंध में सराहनीय कार्य किया है। 2020 में इस योजना शुरू होने के बाद कोविड महामारी फैल गई थी, इसके बावजूद हिमाचल ने बेहतर कार्य किया। योजना के तहत केंद्र से 90 प्रतिशत अनुदान मिलता है जबकि 10 प्रतिशत राशि प्रदेश को देनी होती है। इस योजना के तहत आवेदक को 10 लाख रुपये तक ऋण मिलता है, जिस पर केंद्र सरकार 35 प्रतिशत तक सब्सिडी भी देती है। योजना के तहत 2020-21 से लेकर 2023-24 तक प्रदेश में सीड फंडिंग के तहत ग्रामीण व शहरी आजीविका मिशन के तहत कुल 14907 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं।इन आवेदकों को 56 करोड़ सात लाख रुपये से अधिक राशि आवंटित की जानी है। इसमें से 2020-21 के लिए 70 लाख रुपये जारी कर दिए हैं। 2022-23 के लिए भी मंजूर की राशि में से तीन करोड़ 19 लाख रुपये जारी किए जा चके हैं। अभी पांच करोड़ 76 लाख से अधिक की राशि जारी होनी है। स्वयं सहायता समूहों अथवा एफपीओ के अलावा योजना के तहत 1215 लोगों ने व्यक्तिगत तौर पर फूड इंडस्ट्री में काम करने के लिए आवेदन किए हैं। इनमें से मंजूर किए गए 933 आवेदकों को योजना के तहत उपदान की रकम जारी की जा चुकी है।