एचआरटीसी संयुक्त समन्वय समीति (जेसीसी) ने मांगों को लेकर 16 अक्तूबर से मुख्यालय के बाहर-धरना प्रदर्शन और निगम प्रबंधन के खिलाफ रोष प्रदर्शन करने का फैसला वापस ले लिया है। 55 माह का नाइट ओवरटाइम जारी करने सहित अन्य वित्तीय लाभ जारी न होने पर निगम की जेसीसी ने फैसला लिया था कि 14 अक्तूबर से प्रदेश के सभी यूनिटों में गेट मीटिंग करेंगे और 16 अक्तूबर को मुख्यालय के बाहर धरना व रोष प्रदर्शन करेंगे लेकिन 12 अक्तूबर को निगम के गोल्डन जुबली समारोह में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की ओर से कर्मचारियों के लिए की गई घोषणाओं ने कर्मचारियों के सभी गिले-शिकवे दूर कर दिए हैं।
सोमवार को शिमला में पत्रकारों से बातचीत में एचआरटीसी संयुक्त समन्वय समिति के महासचिव खेमेंद्र गुप्ता ने कहा कि 3 तारीख को नोटिस दिया था कि मांगों को लेकर मुख्यालय का घेराव करेंगे लेकिन 12 अक्तूबर को गोल्डन जुबली में मुख्यमंत्री की ओर से की गईं घोषाणाओं के बाद कर्मचारी अब मांगों को लेकर संतुष्ट हैं, ऐसे में अब आंदोलन का फैसला वापस ले लिया है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की मांगों को लेकर प्रबंध निदेशक रोहन चंद ठाकुर से भी वार्ता हुई, जिसमें उन्होंने आश्वस्त किया है कि कर्मचारियों की मांगों को लेकर प्रस्ताव सरकार को भेजे जाएंगे और सरकार मांगों को पूरा करेगी।
वहीं स्टेट ट्रांसपोर्ट पॉलिसी 2014 में किसी तरह छेड़छाड़ न करने की मांग पर भी प्रबंध निदेशक ने आश्वस्त किया है कि यह मामला सरकार के समक्ष रखा जाएगा। इसके अतिरिक्त कर्मशालाओं में तकनीकी कर्मचारियों की भर्ती को लेकर एमडी रोहन चंद ठाकुर ने आश्वस्त किया है कि कर्मशालाओं में 636 कर्मियों की भर्ती होगी। यह भर्ती सर्विस कमेटी को भेजी है, जल्द ही इसके परिणाम आएंगे और कर्मियों की भर्ती होगी। इसके अतिरिक्त सब इंस्पैक्टर के पद भरे जाएंगे। इसके अलावा 150 पीसमील कर्मचारियों को जल्द अनुबंध पर लिया जाएगा। इस मौके पर जेसीसी के अध्यक्ष मानसिंह ठाकुर सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।