
कोऑपरेटिव बैंक और सरकार बैंकों के साथ प्राइवेट बैंकों में जमा करोड़ों रुपए
मुख्यमंत्री सुक्खू को उठाना चाहिए सख्त कदम, बैंकों से पैसा निकालकर करना चाहिए विकास पर खर्च
संदीप उपाध्याय
शिमला . सरकारी सिस्टम भी कमाल का है। प्रदेश सरकार के सामने आर्थिक संकट चल रहा है। सरकार हर महीने करोड़ों रुपए कर्ज ले रही है, वहीं दूसरी ओर सरकार के करोड़ों रुपए बैंकों में फिक्स डिपाजिट है। कमाल की बात तो यह है कि सरकारी विभागों को पैसा कई बैंकों में 20 साल से अधिक समय से जमा है। जमा राशि से ज्यादा पैसा ब्याज का मिल गया, लेकिन निकालकर खर्च नहीं किया गया। बहुत से अधिकारियों ने प्रदेश के कोऑपरेटिव बैंक, देश के सरकारी बैंकों को छोड़कर प्राइवेट बैंकों में खाता खोलकर करोड़ों रुपए जमा कराए है। अब बड़ा सवाल यह उठता है कि आखिर यह कौन सा सरकारी पैसा है जो वर्षों से बैंक में जमा है और खर्च नहीं किया जा रहा है। अगर यह पैसा सरकारी विभागों में जनता के विकास कार्य के लिए आया है तो फिर बैंकों में क्यों जमा है।
विधानसभा में पूछे गए सवाल पर आया चौकाने वाला जवाब
यह चौकाने वाला मामला विधानसभा में पूछे गए सवाल के जवाब में सामने आया है। शाहपुर के विधायक केवल सिंह पठानिया ने मुख्यमंत्री से संबंधित सवाल पूछा कि वर्तमान में सरकार के कितनी एफडीआर बैंकों में जमा है। कितना ब्याज मिला रहा है और एफडीआर का नवीनीकरण कब कब हुआ। इस सवाल के जवाब से पता चला के सरकार विभागों का करोड़ों रुपए सरकारी और प्राइवेट बैंकों में फिक्स डिपाजिट है।
मुख्यमंत्री सुक्खू को उठाना चाहिए सख्त कदम, बैंकों से पैसा निकालकर करना चाहिए विकास पर खर्च
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू को बैंकों में जमा राशि के संबंध में सख्त कदम उठाना चाहिए। देखना चाहिए कि यह कौन सी राशि है जिसे विभागों ने फिक्स डिपाजिट के रुप में बैंकों में जमा किया है। इस राशि को निकालकर जनता के हित में उपयोग में लाना चाहिए।
प्राइवेट बैंक में भी करोड़ों का फिक्स डिपाजिट
1. कृषि विभाग
इंडियन बैंक मशोबरा – 2014 से 40 लाख जमा है और 36 लाख 52 हजार ब्याज प्राप्त हुआ है।
इंडियन बैंक मशोबरा – 2008 से 5 लाख 30 हजार जमा है और ब्याज 12 लाख 68 हजार प्राप्त हुआ।
2. उद्योग विभाग
स्टेट बैक, बैंक ऑफ बड़ोदा और पंजाब एंड सिंध बैक में डेढ़ करोड़ से अधिक जमा
3. आयुष विभाग
सहकारी बैंक, स्टेट बैंक और यूको बैंक में 3 करोड़ से अधिक जमा है।
4. योजना विभाग का सरकारी बैंकों के साथ प्राइवेट बैंकों में करोड़ों की राशि जमा
आईडीबीआई में करीब 2 करोड़
उज्ज्वन स्माल फाइनेंस बैंक में 1 करोड़ 10 लाख
बंधन बैंक में 1 करोड़ 5 लाख
यस बैंक में 59 लाख रुपए
5. पर्यटन और नागरिक उड्डयन विभाग
इंडसइंड बैंक 87 लाख
आईडीबीआई, एक्सिस, एफडीएफसी में भी लाखों रुपए जमा
6. नगर एवं ग्राम योजना
आईसीआईसी बैंक 2 करोड़ रुपए
इंडसइंड बैंक 25 लाख
इंडसइंड बैंक 42 लाख
आरबीएल बैंक 92 लाख
इसी तरह सरकारी बैंकों में भी करोड़ों रुपए की फिक्स डिपाजिट है।




