कैसे समय पर पूरा होगा प्रोजेक्ट, कौन है इस लापरवाही का जिम्मेदार
नशे से हो रही मौतें प्रदेश सरकार की नशे के खिलाफ लड़ाई की खोल रही है कलई
संजौली में नेता प्रतिपक्ष ने सुनी मन की बात बोले ‘ मेक इन इंडिया’ विकसित भारत का आधार
शिमला : शिमला से जारी बयान में पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि वर्ल्ड बैंक द्वारा वित्त पोषित शिमला की पेयजल और सीवरेज की परियोजना से जुड़ी वित्तीय गड़बड़ियां बहुत चिंताजनक है। जब वर्ल्ड बैंक द्वारा सरकार को पैसा भेज दिया गया है तो वह पैसा गया तो गया कहां? वर्ल्ड बैंक द्वारा भेजा गया परियोजना का पैसा कार्यदाई संस्थाओं को क्यों नहीं मिल रहा है। सरकार के पास से ही ढाई सौ करोड़ से ज्यादा रुपए गायब हो जाते हैं तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है? वर्ल्ड बैंक द्वारा सरकार को दिया गया पैसा आख़िर गया कहाँ? ये बहुत बड़ा सवाल है। सरकार के इस रवैये से पूर्व सरकार की यह योजना प्रभावित हो रही है। शिमला को 24 घंटे पानी उपलब्ध करवाने वाली योजना को सरकार आख़िर रोकना क्यों चाहती है? हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में 24 घंटे पानी की सुविधा देने के लिए तैयार हो रही सतलुज पेयजल योजना पर सुख की सरकार की वजह से बजट का संकट गहराया हुआ है। विश्व बैंक से इस योजना के लिए 587 करोड़ रुपये जारी हो चुके हैं लेकिन कंपनी तक सिर्फ 250 करोड़ ही पहुंचे हैं। बाकी पैसा कहां अटका है, इस पर कोई जवाब देने को तैयार नहीं है जबकि वर्ल्ड बैंक से बजट जारी होने के बावजूद कंपनी को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। इसका सीधा असर परियोजना पर पड़ेगा।
जयराम ठाकुर ने कहा कि शिमला शहर में 24 घंटे पानी देने और हर घर को सीवरेज लाइन से जोड़ने के लिए विश्व बैंक की मदद से 1825 करोड़ की योजना से काम चल रहा है। यह योजना पूर्व सरकार के समय में ही स्वीकृत हुई थी। जिसमें लगभग 370 करोड़ रुपये से पहले चरण में सतलुज से शिमला तक पानी लाने का काम, दूसरे चरण में 970 करोड़ से शहर में प्रेशर के साथ 24 घंटे पानी देने के लिए नई लाइनें बिछाने और टैंकों का निर्माण का काम होना था जबकि करीब 229 करोड़ रुपये सीवरेज नेटवर्क पर खर्च करने थे लेकिन प्रदेश सरकार वर्ल्ड बैंक का पैसा दबा कर बैठी है। जिसकी वजह से पूरी परियोजना पर विपरीत असर पड़ रहा है।
नशे के ओवर डोज से हो रही मौतें चिंताजनक, प्रभावी कार्रवाई करे सरकार
जयराम ठाकुर ने कहा कि आए दिन अखबारों में नशे के ओवरडोज से होने वाली मौत की खबरें छपती हैं। ऐसी ख़बरें देखकर क्या बीतती है, वह बयान करना मुश्किल हैं। चिट्टा महामारी की तरह प्रदेश के कोने-कोने में फ़ैल रहा है और सरकार सिर्फ़ इवेंट और अख़बारों की हैडलाइन मैनेजमेंट में व्यस्त है। पुनर्वास केंद्र के नाम पर सरकार की कोई व्यवस्था नहीं है। निजी पुनर्वास केंद्रों में लोग अपनी गाढ़ी कमाई भी खर्च करते हैं लेकिन वहाँ पर इलाज के नाम पर मारपीट और हिंसा होती है। मुख्यमंत्री जी लोग नशे से मर रहे हैं, इसी साल मरने वालों की संख्या तीस से ज़्यादा बताई जा रही है। वास्तविक संख्या और भी भयावह होगी। देवभूमि में चिट्टे के लिए कोई स्थान नहीं है। इस महामारी से निपटने के लिए सरकार सख़्त से सख़्त कदम उठाए। भाजपा हर तरह से सरकार के साथ है। नशे से होने वाली मौतों और नशे के चपेट में जा रहे युवाओं को बचाने के लिए सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।
मन की बात में हिमाचल के बेटियों का योगदान की बात गौरवान्वित करने वाला क्षण
नेता प्रतिपक्ष ने संजौली शिमला में पार्टी के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं के साथ दुनिया का सबसे लोकप्रिय रेडियो कार्यक्रम “मन की बात”सुना।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने बीते दिनों भारत का परचम लहराने वाली हमारी महिला कबड्डी टीम और ब्लाइंड महिला क्रिकेट टीम की शानदार उपलब्धियों की सराहना की। इन टीमों ने कठिन परिस्थितियों में भी अद्भुत जज़्बा दिखाकर देश का मान बढ़ाया है। उनके साहस, समर्पण और संघर्ष की भावना हम सभी के लिए प्रेरणादायक है। वर्ल्ड कप कबड्डी में हिमाचल की बेटियों का योगदान भी बहुत अहम है यह हमारे लिए दोहरी खुशी की बात है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा स्वदेशी उत्पादों के लिए विशेष लगाव रहा है। वोकल फॉर लोकल और मेड इन इंडिया– मेड फॉर वर्ल्ड का मिशन भारत को आत्मनिर्भर बनाने और विकसित भारत के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए चलाया गया है। आज के कार्यक्रम में भी प्रधानमंत्री जी ने स्वदेशी उत्पादों की खरीद को बढ़ावा देने और वोकल फॉर लुक्क के मंत्र को जन-जन तक पहुँचाने का आह्वान किया। स्थानीय उत्पादों को अपनाकर न केवल हम आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को मजबूत करते हैं, बल्कि अपने कारीगरों, उद्यमियों और छोटे व्यापारियों की आजीविका को भी सशक्त बनाते हैं। उन्होंने कहा कि आज का ‘मन की बात’ पुनः इस बात का संदेश देता है कि राष्ट्र निर्माण में हर नागरिक की भूमिका महत्वपूर्ण है, चाहे वह खेल का मैदान हो, सीमा हो या बाज़ार। आइए, हम सब मिलकर स्वदेशी को अपनाएं, स्थानीय को बढ़ावा दें और भारत को नई ऊँचाइयों पर ले जाने के संकल्प को और मजबूत करें।
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