: सोनीपत में तीन जिलों से शिक्षाविदों, अभिभावकों से कैबिनेट मंत्री डॉ शर्मा ने किया संवाद
: बचपन से ही निखार लाने और गुरूकुलीय परंपरा को लागू करना हमारा लक्ष्य
: नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के कार्यक्रम में दीनबंधु छोटूराम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पहुंचे सहकारिता मंत्री डॉ अरविंद शर्मा
सोनीपत, 12 जनवरी। सहकारिता, कारागार, विरासत व पर्यटन मंत्री डॉ अरविंद शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की आजादी से पहले अंग्रेजों के समय से चली आ रही लार्ड मैकाले की शिक्षा पद्धति को पूर्ण रूप से बदलते हुए नए स्वरूप में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने का ऐतिहासिक कदम उठाया है। वैदिक काल में दुनिया भर से विद्वान गुरूकुल शिक्षा व्यवस्था में शोध के लिए आते थे। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भारतीयता, भारतीय भाषाओं, संस्कार, मूल्य पर आधारित कौशल विकास व बहुविषयक शिक्षा को बढावा दे रहे हैं, ताकि एक बार फिर भारत विश्व गुरू बनें।
रविवार को सहकारिता मंत्री डॉ अरविंद शर्मा दीनबंधु छोटूराम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मुरथल में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020-भारतीय शिक्षा, संस्कार, मूल्य और आपके सुझाव विषय पर आयोजित सम्मेलन में सोनीपत, पानीपत व जीन्द जिला के विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों व विद्यालयों के शिक्षकों व अभिभावकों को संबोधित कर रहे थे। कैबिनेट मंत्री डॉ अरविंद शर्मा ने स्वामी विवेकानंद जयंती व राष्ट्रीय युवा दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि स्वामी विवेकानंद ने दुनिया भर में अपने क्रांतिकारी विचारों से युवाओं को जागृत करने, संघर्ष करने और निरंतर सीखने की पद्ति को अपनाने का जो आह्वान किया था, आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन विचारों का अक्षरक्षः पालन कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चाहते हैं कि युवाओं की सोच में बदलाव आए, युवाओं के जीवन में बदलाव आए, क्योंकि जब युवाओं की सोच बदलेगी तो निश्चित तौर पर देश की दिशा और दशा दोनों बदल जाएंगे।
सहकारिता मंत्री डॉ अरविंद शर्मा ने कहा कि अंग्रेजो के समय से चली आ रही लार्ड मैकाले की शिक्षा पद्धति को दशकों तक ढोया गया, जिसमें युवाओं के लिए न विवेकशीलता थी और न ही तार्किक शक्ति। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे देश की आत्मनिर्भरता और विकसित बनने के लक्ष्य में सबसे बडी बाधा माना और स्वर्णिम इतिहास की गुरूकुल परंपरा को आगे बढाते हुए यह सुनिश्चित किया गया है कि 5 साल का बच्चा निरंतर सीखे और वह शिक्षा प्राप्त करे, जो उसके लिए रूचिकर व राष्ट्र व समाज के लिए बेहतरीन परिणाम देने वाली है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को गंभीरता से लागू किया। आज मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व व शिक्षामंत्री महिपाल ढांडा की अगुवाई में हरियाणा इस नीति को लागू करने में देश में अनुकरणीय उदाहरण पेश कर रहा है। उन्होंने शिक्षा नीति की विशेषताओं का जिक्र करते हुए कहा कि इस नीति में बच्चा दबाव में नहीं, अपितु रूचिकर भाव से शिक्षा ग्रहण करेगा। बचपन में ही अभिभावक और शिक्षक बच्चे के कौशल विकास व रूचियों को पहचानते हुए उसके लक्ष्य निर्धारण में मदद करेंगे, तो निश्चित तौर पर विकसित भारत-आत्मनिर्भर भारत का संकल्प शीघ्र पूरा होगा।
कैबिनेट मंत्री डॉ अरविंद शर्मा ने सम्मेलन में आए शिक्षाविदों से आह्वान किया कि वो शिक्षा नीति का पूरी तरह अध्ययन करें और इसे बेहतर तरीके से लागू करने के लिए सुझाव दें। उन्होंने कहा कि विकसित भारत में शिक्षा नीति के माध्यम से युवाओं में विशेषज्ञता, संस्कार, सामाजिक व्यवहार और मूल्यों का सम्मान की भावना को बढावा दिया जाएगा। देश को एकजुट बनाने में हर किसी की भागीदारी होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारा लक्ष्य होना चाहिए कि हर भारतीय सभ्य, शिक्षित और संस्कारी हो। इसलिए हमें मिलकर उनके सपने को पूरा करने और देश निर्माण में आगे बढने में अपना योगदान देना होगा। इस अवसर पर उच्चतर शिक्षा परिषद के चेयरमैन कैलाश चंद्र शर्मा ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को विस्तार से जानकारी सांझा की। प्राथमिक शिक्षा हरियाणा के निदेशक आईएएस रिपुदमन सिंह ढिल्लों ने सरकार द्वारा नीति लागू करने के लिए उठाए जा रहे कदमों की जानकारी दी। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर श्रीप्रकाश सिंह ने भी शिक्षा नीति को लेकर अपने विचार सांझा किए। इस अवसर पर भाजपा जिलाध्यक्ष जसबीर दोदवा, विधायक निखिल मदान, विधायक पवन खरखौदा, भाजपा नेता माईराम कौशिक व तीन जिलों से आए शिक्षाविद, अभिभावक आदि उपस्थित रहे।