मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार नशा मुक्त राज्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध
राज्य सरकार नशा पीड़ितों के लिए एकीकृत स्वास्थ्य सेवाओं को देगी प्राथमिकता: स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर
स्वास्थ्य विभाग, पंजाब पुलिस और अलायंस इंडिया नशों के खिलाफ लड़ाई में एकजुट
विशेषज्ञों ने पुनर्वास कार्यक्रमों और स्व-सहायता समूहों की आवश्यकता पर दिया जोर
चंडीगढ़, 28 जनवरी:
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के निर्देशों के अनुसार नशों के खतरे से निपटने के लिए पंजाब के प्रयासों को मजबूत करते हुए, नशों के खिलाफ लड़ाई में महिलाओं को सशक्त बनाने के तरीकों पर चर्चा के लिए स्टेकहोल्डर परामर्श आयोजित किया गया।
आज यहां स्वास्थ्य सेवाओं निदेशालय में आयोजित इस कार्यशाला की अध्यक्षता स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने वर्चुअल रूप से की। इसके अलावा, सभी जिलों के मनोवैज्ञानिक, पंजाब पुलिस के प्रतिनिधि और विभिन्न एनजीओ भी इस कार्यशाला में शामिल हुए।
डॉ. बलबीर सिंह ने नशों के खिलाफ लड़ाई में महिलाओं की भागीदारी के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि महिलाएं नशों से प्रभावित परिवार के सदस्यों की मदद करने और उन्हें पुनर्वास सेवाओं तक पहुँचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं।
उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में राज्य सरकार नशा तस्करों और आपूर्तिकर्ताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही है। उन्होंने युवाओं को नशे की गिरफ्त में आने से रोकने के लिए पुनर्वास कार्यक्रमों की आवश्यकता पर जोर दिया।
कार्यशाला के समापन पर डॉ. बलबीर सिंह ने सभी भागीदारों से पंजाब को नशा मुक्त राज्य बनाने और मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के ‘रंगला पंजाब’ के सपने को साकार करने के लिए एकजुट होकर काम करने की अपील की।
पुलिस विभाग की स्पेशल डायरेक्टर जनरल (स्पेशल डीजीपी) कम्युनिटी अफेयर्स डिवीजन, गुरप्रीत कौर दियो ने कहा कि पंजाब पुलिस महिलाओं से जुड़ने और उन्हें नशों के खिलाफ लड़ाई में सहयोग देने के लिए एक आउटरीच कार्यक्रम शुरू करेगी। उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि महिलाएं नशों के खिलाफ लड़ाई में अहम भूमिका निभा सकती हैं, और हम उन्हें इस भूमिका को निभाने के लिए सशक्त बनाना चाहते हैं।
स्वास्थ्य सेवाओं की निदेशक डॉ. हतीदर कौर ने सिविल सर्जनों, मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों और नशा मुक्ति सेवा प्रदाताओं को एकीकृत स्वास्थ्य सेवाओं को प्राथमिकता देने और इस प्रक्रिया में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
इस दौरान असिस्टेंट डायरेक्टर और राज्य मानसिक स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संदीप भोला ने अलायंस इंडिया की डॉ. मंजू बांसल और कुणाल किशोर के साथ नशों के खिलाफ लड़ाई में महिलाओं की भागीदारी की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि महिलाएं नशे के दुरुपयोग से प्रभावित व्यक्तियों को महत्वपूर्ण सहायता प्रदान कर सकती हैं और उन्हें पुनर्वास सेवाओं तक पहुँचाने में मदद कर सकती हैं।
मुख्यमंत्री की ओर से 30,000 से अधिक परिवारों को 377 करोड़ रुपए की मुआवजा राशि वितरित करने की प्रक्रिया शुरू
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