मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने जिला कांगड़ा के धर्मशाला विधानसभा क्षेत्र के दाड़ी मेला ग्राउंड में एक विशाल जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने तपोवन के पास 150 करोड़ रुपये की लागत से देश का सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर बनाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इस कन्वेंशन सेंटर में बड़े स्तर के सेमिनार आयोजित किए जाएंगे जिससे पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
मुख्यमंत्री ने प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र योल कैंट के संचालन, आईटी पार्क में पुल के निर्माण के लिए धनराशि, ओबीसी भवन के निर्माण को पूरा करने के लिए पर्याप्त धनराशि आवंटित करने और सड़क निर्माण परियोजनाओं की भी घोषणा की। इनमें झीयोल स्कूल से अंजनी माता, परोल से घियाना खुर्द बड़ा खौला, कुफरी से चामुंडा मंदिर, अलखनी से जयुल कंड करड़ियाना, कनेड से झखरेहड़, चेलियां से पासू, टीका से बनी और लुंटा-बगोटू-खबरोट-टिल्लू सड़क निर्माण परियोजनाएं शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है, जबकि पिछली भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान अमीर और गरीब के बीच की खाई और बढ़ गई थी। सरकारी नौकरियों की कथित तौर पर नीलामी की गई। पूर्व भाजपा सरकार के दौरान पुलिस भर्ती घोटाला युवाओं के साथ विश्वासघात था। वर्तमान राज्य सरकार पारदर्शिता सुनिश्चित कर रही है। जल शक्ति विभाग के ठियोग उपमंडल में अनियमितताओं की गंभीरतापूर्वक जांच शुरू की गई है और भ्रष्ट आचरण के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जा रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने राजनीतिक लाभ के लिए राज्य के खजाने का दुरुपयोग किया, जबकि कांग्रेस सरकार आम लोगों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से ठोस प्रयास कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने 1.36 लाख सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) बहाल कर अपना चुनावी वायदे को पूरा किया है। जब तक कांग्रेस सरकार राज्य में सत्तासीन है, तब तक कर्मचारियों को ओपीएस जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने राज्य की ऋण सीमा में 1600 करोड़ रुपये की कटौती की है और ओपीएस बहाल करने के राज्य सरकार के निर्णय को देखते हुए राज्य पर अतिरिक्त प्रतिबंध लगाए हैं। उन्होंने कहा कि एनपीएस के तहत लगभग 9000 करोड़ रुपये अभी भी केंद्र सरकार के पास फंसे हुए हैं और केंद्र सरकार यूपीएस को लागू करने के लिए राज्य पर दबाव बना रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने प्रदेश के आपदा प्रभावित क्षेत्रों के लिए पीडीएनए जारी नहीं किया है और राज्य सरकार की विशेष राहत पैकेज की मांग को भी नकार दिया है। संकट की घड़ी में राज्य के भाजपा नेता प्रभावित परिवारों के साथ खड़े होने के बजाय आपदा पर राजनीतिकरण करते रहे। प्रदेश सरकार राज्य के लोगों को बेहतर शिक्षा एवं स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने की दिशा में कार्य कर रही है। लोगों को बेहतर और समयबद्ध उपचार सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए शीघ्र ही आईजीएमसी शिमला और टांडा मेडिकल कॉलेज में पीईटी स्कैन मशीनें उपलब्ध करवाई जाएंगी। उन्होंने कहा कि जरूरतमंदों के लिए पानी और बिजली की सब्सिडी जारी रहेगी और घर के निर्माण के लिए सहायता भी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि समाज के साधन संपन्न परिवारों को स्वेच्छा से सब्सिडी छोड़ने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, अभी तक 1,500 लोग बिजली सब्सिडी छोड़ चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने राजनीतिक लाभ के लिए नहीं बल्कि जनता के कल्याण के लिए निर्णय लिए हैं। उन्होंने धर्मशाला विधानसभा क्षेत्र के विधायक की क्षेत्र के लोगों और पार्टी को धोखा देने के लिए निंदा की। उन्होंने कहा कि धर्मशाला उप-चुनावों में हार के बावजूद भी कांग्रेस पार्टी मजबूत बनकर उभरी है और विधायकों की संख्या 40 हो गई है।
मुख्यमंत्री की ओर से 30,000 से अधिक परिवारों को 377 करोड़ रुपए की मुआवजा राशि वितरित करने की प्रक्रिया शुरू
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