शिमला हिमाचल प्रदेश के पहाड़ों में रचा-बसा पारंपरिक हुनर अब केवल स्थानीय हाट-बाज़ारों तक सीमित नहीं रहेगा। तीन से पांच जनवरी तक शिमला के रिज पर आयोजित किए जा रहे हिम एमएसएमई फेस्ट में प्रदेश की एक जिला–एक उत्पाद (ODOP) पहल आकर्षण का केंद्र बनेगी। इस आयोजन से स्थानीय उत्पादों को राष्ट्रीय ही नहीं, अंतरराष्ट्रीय बाज़ारों से जोड़ने की नई राह खुलेगी।उद्योग मंत्री श्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि ओडीओपी पहल हर जिले की अर्थव्यवस्था को नई दिशा दे रही है। यह योजना पारंपरिक कौशल को आधुनिक बाज़ार अवसरों से जोड़कर किसानों, कारीगरों और लघु उद्यमियों के लिए सतत आजीविका का मजबूत आधार तैयार कर रही है।
जब परंपरा बाज़ार से मिले
उद्योग मंत्री ने कहा कि ओडीओपी राज्य सरकार की मूल्य आधारित औद्योगिक विकास नीति का प्रतिबिंब है। इसमें कृषि आधारित प्रसंस्करण, हस्तशिल्प, विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों को केंद्र में रखकर स्थानीय प्रतिभा को सशक्त किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि पहली बार प्रदेश के सभी जिलों के ओडीओपी उत्पाद एक साथ एक मंच पर प्रदर्शित किए जाएंगे। फेस्ट में समर्पित ओडीओपी पवेलियन स्थापित किया जाएगा, जहां उत्पादक सीधे अमेज़न सहित प्रमुख ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स और राष्ट्रीय स्तर के व्यापारियों से संवाद कर सकेंगे, जिससे ब्रांडिंग, थोक खरीद और दीर्घकालिक बाज़ार संपर्क के नए अवसर खुलेंगे।
हर जिले की अपनी पहचान
उद्योग मंत्री ने हर जिले के विशिष्ट उत्पाद का उल्लेख करते हुए बताया कि हर जिले के उत्पाद की अपनी पहचान है। इन सभी उत्पादों को मूल्य संवर्धन, पैकेजिंग और व्यापक बाज़ार उपलब्ध करवा कर उत्पादकों को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
बिलासपुर : आंवला प्रसंस्करण
हमीरपुर : कृषि उत्पाद प्रसंस्करण
चंबा : विश्वविख्यात चंबा रूमाल
कुल्लू : पारंपरिक कुल्लू शॉल
कांगड़ा : कांगड़ा चाय और लघु चित्रकला
किन्नौर : पारंपरिक चुल्ली तेल
लाहौल-स्पीति : सीबकथॉर्न (छरमा) उत्पाद
मंडी : स्टील फर्नीचर उद्योग
ऊना: लाइट इंजीनियरिंग सेक्टर
सिरमौर: पैकेजिंग उद्योग
सोलन : मशरूम क्षेत्र
शिमला : पर्यटन क्षेत्र को भी तकनीकी उन्नयन
बाज़ार एकीकरण की दिशा में निर्णायक कदम
उद्योग मंत्री ने कहा कि एमएसएमई फेस्ट में ओडीओपी का यह व्यापक प्रदर्शन बाज़ार एकीकरण की दिशा में निर्णायक कदम साबित होगा। उन्होंने भरोसा दिलाया कि प्रदेश सरकार नीति समर्थन, आधारभूत संरचना विकास और बाज़ार संपर्क सुदृढ़ करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिससे हिमाचल प्रदेश के हर जिले के विशिष्ट उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान मिलेगी।
उन्होंने बताया कि ओडीओपी हिमाचल प्रदेश की जमीनी क्षमता को बड़े आर्थिक अवसरों में बदलने का माध्यम बन रहा है। यह फेस्ट न केवल उत्पादों की प्रदर्शनी होगा, बल्कि हिमाचल प्रदेश के आत्मनिर्भर भविष्य की झलक भी पेश करेगा, जहां हर जिला अपनी पहचान के साथ वैश्विक बाज़ार में कदम रखेगा।
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