शिमला. प्रदेश में भारी आपदा आई हुई है। लाखों लोग प्रभावित हुए हैं और हजारों लोग बेखर हो गए हैं। सुक्खू सरकार ने बाढ़ प्रभावितों को राहत का ऐलान तो किया लेकिन आपदा में अवसर निकालते हुए डीजल पर जीएसटी तीन रुपए से अधिक बढ़ा दिया है। डीजल का अधिक उपयोग माल वाहनों में ही होता है। डीजल के रेट बढ़ने से तय है कि सामान की ढुलाई का किराया बढ़ेगा और महंगाई बढ़ेगी। सरकार के डीजल पर जीएसटी बढ़ान को लेकर भाजपा हमलावर हो गई है। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष राजीव बिंदल, पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष रश्मिधर सूद सहित तमाम नेताओं ने कांग्रेस सरकार पर हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार महंगाई रोकने की बजाय बढ़ा रही है। गत विधानसभा चुनावों के समय कांग्रेस नेताओं ने पूर्व भाजपा सरकार और केंद्र सरकार के खिलाफ महंगाई को मुद्दा बनाया था। जनता से वायदा किया था कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने पर महंगाई कम करेंगे। लेकिन सत्ता की कुर्सी पर बैठने के बाद अब सरकार महंगाई कम करने की बजाय महंगाई बढ़ा रही है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल ने शिमला में एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश आपदा और विपदा के एक बड़े दौर से गुजर रहा है और इस दौर के अंतर्गत हिमाचल सरकार ने डीजल पर 7 महीने के अंतर्गत दो बार वैट बड़ा दिया हैं।जनवरी में 3 रु और कल रात को भी 3 रु इस सरकार ने वैट को बढ़ाया है। जब भारतीय जनता पार्टी की सरकार हिमाचल प्रदेश में कार्यरत थी तब नवंबर 2021 में डीजल पर वैट में 17 रु की कटौती की गई थी और तब डीजल पर वैट 4.40 पैसे लगता था और अब दो बार वैट बढ़ने के बाद हिमाचल की जनता को डीजल पर वैट 10.40 रु देना होगा।कांग्रेस सरकार ने वैट को बदकर सीधे तौर पर प्रदेश की जनता पर 1500 करोड़ रुपए से आर्थिक बोझ बढ़ा दिया है ।आज हिमाचल प्रदेश की जनता के जख्म पर मलहम लगाने का काम काम इस सरकार को करना चाहिए था पर उन्होंने नमक लगाने का काम किया है।यह है सुख की सरकार का नया दौर।उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस पार्टी ने सत्ता में आना था तो उन्होंने 10 गरंटिया तो जनता के समक्ष रख दी, पर एक हिडन गरंटिया भी थी। उस हिडन गारंटी का नाम था महंगाई और डीजल में वैट की बढ़ोतरी करना।
यह हिडन गारंटी कांग्रेस के नेताओं ने सबसे पहले पूरा करने का कार्य किया है, पर बाकी गरंटिया सब गायब कर दी है।उन्होंने कहा कि डीजल बदने से पूरे प्रदेश में महंगाई बढ़ती है। सेब का सीजन चरम सीमा पर है, सड़कें ठीक है नहीं और अब माल भाड़ा बड़ने की तैयारी में है। निर्माण सामग्री महंगी होगी, सीमेंट महंगा होगा, सरिया महंगा होगा ,अभी राहत कार्य पूरे प्रदेश में चल रहा है, जेसीबी मशीनें सड़कों पर है। डीजल महंगा होने से उनकी कॉस्ट भी बढ़ती होगी, तो आपदा में राहत कार्य भी महंगे होंगे।