शिमला. हिमाचल की सियासी जमीन पर लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। कांग्रेस पार्टी के नेता भी चारों सीटों पर जीत के दावे के साथ सियासी रण में उतर चुके हैं। लोकसभा चुनावों के हर सीट महत्वपूर्ण होती है, लेकिन हमीरपुर संसदीय क्षेत्र हिमाचल की सबसे हाट सीट के रुप में है। प्रदेश कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू और उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री दोनों ही नेता हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से हैं। हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशी का मुकाबला केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ होना है। जिससे साबित है कि हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस-भाजपा का मुकाबला बड़ा रोचक होगा। हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में किसी भी कीमत पर चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस पार्टी बहुत दम लगाएगी और कांग्रेस पार्टी का प्रत्याशी भी मजबूत ही होगा। कांग्रेस पार्टी की ओर से मजबूत प्रत्याशी के रुप में उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार सुनील शर्मा बिट्टू और सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा को देखा जा रहा है। हाईकमान किसे मजबूत प्रत्याशी मानकर प्रत्याशी बनाता है, यह तो समय पर पता चलेगा, लेकिन हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में सुनील शर्मा कांग्रेस पार्टी की सियासी जमीन मजबूत करने में जुटे हैं और पूरे जिले में संपर्क अभियान चलाए हुए है।
राजनैतिक विश्लेषक हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस के मजबूत प्रत्याशी के रुप में ऊना जिले से उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री को और हमीरपुर जिले से मुख्यमंत्री के राजनैतिक सलाहकार सुनील शर्मा बिट्टू को मजबूत प्रत्याशी के रुप में देखते हैं। हमीरपुर में मुख्यमंत्री सुक्खू के काम पर, ऊना में उप मुख्यमंत्री के काम के नाम पर कांग्रेस प्रत्याशी को वोट पड़ेंगे, तो कांग्रेस प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित हो सकती है। अभी तक मुकेश अग्निहोत्री और सुनील शर्मा बिट्टू के लोकसभा चुनाव में उम्मीदवारी की कोई चर्चा नहीं है, लेकिन कांग्रेस पार्टी हिमाचल में मजबूती के साथ चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटी है, जिससे तय है कि मुख्यमंत्री सुक्खू की पसंद के अनुसार ही मजबूत प्रत्याशी मैदान में आएगा। मीडिया में राजेंद्र राणा के लोकसभा चुनाव लड़ने की चर्चा हुई है, जिसे लेकर राणा ने स्पष्ट कर दिया है कि वह विधायक हैं और सुजानपुर की जनता की सेवा ही करना चाहते हैं।
हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के राजनीतिक समीकरण भी कांग्रेस के पक्ष में हैं। संसदीय क्षेत्र की 17 विधानसभा क्षेत्रों में विधानसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी को 10 सीटों पर जीत मिली है। भाजपा को मात्र 5 सीटों पर जीत मिली हैं। वहीं हमीरपुर और देहरा में निर्दलीय प्रत्याशी जीते हैं। निर्दलीय विधायक वर्तमान में कांग्रेस पार्टी के साथ चल रहे हैं। बड़ी बात यह है कि केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के गृह जिले हमीरपुर में विधानसभा चुनावों में कोई भी भाजपा का प्रत्याशी नहीं जीता है। इसके साथ ही कांग्रेस सरकार बनने पर हमीरपुर जिले से ही मुख्यमंत्री के पद पर ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू आसीन हुए है। जिससे हमीरपुर जिले में ही अनुराग ठाकुर के सामने बड़ी चुनौती है।
सुनील शर्मा बिट्टू की पहचान कांग्रेस के समर्पित और कर्मठ कार्यकर्ता के रुप में होती है। सुनील शर्मा अपने छात्र जीवन से ही कांग्रेस पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता हैं। कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई, युवा कांग्रेस और कांग्रेस पार्टी में 30 वर्ष से अधिक समय से समर्पित होकर कार्य कर रहे हैं। बिट्टू वर्तमान में एआईसीसी के सदस्य और प्रदेश कांग्रेस में उपाध्यक्ष के पद पर आसीन हैं। प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने पर मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सुनील शर्मा बिट्टू को अपना राजनीतिक सलाहकार बनाया है। राजनीतिक सलाहकार का पद बिट्टू को अपनी काबिलियत और विश्वास के साथ काम करने के कारण हासिल हुआ है। सलाहकार के पद पर बैठकर बिट्टू मुख्यमंत्री सुक्खू की व्यवस्था परिवर्तन की राह पर चलकर ईमानदारी और पारदर्शी तरीके से कार्य करने में जुटे हैं। वहीं हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में जनता की समस्याओं के समाधान के साथ-साथ क्षेत्र में विकास के कार्य करवाने में जुटे हुए हैं। बिट्टू ने अभी तक लोकसभा टिकट के लिए किसी भी प्रकार की दावेदारी की बात नहीं की है। लेकिन हमीरपुर जिले में बिट्टू के जनसंपर्क अभियान से सियासी चर्चा हो रही है कि वह लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटे हैं। इस बारे में बिट्टू कहते हैं कि वह कांग्रेस पार्टी को मजबूत करने के लिए जिले में कार्य कर रहे हैं। हाईकमान कहेगा तो चुनाव लड़ने से पीछे नहीं हटेंगे। हमीरपुर संसदीय क्षेत्र की जनता मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार के कामकाज को देखकर कांग्रेस प्रत्याशी को जीत का सेहरा पहनाएगी, यह निश्चित है।