हिमाचल प्रदेश में अपने वेतन का इंतजार कर रहे करीब ढाई लाख कर्मचारियों और पेंशन की राह देख रहे करीब दो लाख पेंशनर्स का इंतजार जल्द खत्म होने वाला है। बुधवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि कर्मचारियों की सैलरी 5 सितंबर को आ जाएगी।
विधानसभा के मानसून सत्र के 7वें दिन बुधवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने कहा कि कर्मचारियों को वेतन 5 सितंबर और पेंशन 10 सितंबर को दी जाएगी। सीएम ने कहा कि एक तारीख की बजाय 5 और 10 को वेतन-पेंशन देने का मुख्य कारण खर्चों का प्राप्तियों के साथ समन्वय करना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ये कर्ज पर ब्याज बचाने की कोशिश है। भारत सरकार से 6 तारीख को रेवेन्यू डेफिसिट ग्रांट 520 करोड़ रुपये आती है। पहली तारीख को वेतन देने के लिए सरकार को बाजार से लोन लेना पड़ता है और इसपर 7.5% ब्याज लगता है। ये ब्याज का बोझ कम करने की कवायद है। इससे हर महीने ब्याज के 3 करोड़ रुपये बचेंगे, जो साल में सालाना 36 करोड़ होते हैं। वेतन पर हर महीने 1200 करोड़ और पेंशन पर 800 करोड़ रुपये मिलाकर 2000 करोड़ रुपये खर्च होता है। राज्य को 6 तारीख को RDG के 520 करोड़ रुपये मिलते हैं और केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के 740 करोड़ रुपये आते हैं।
सीएम ने सदन में कहा कि हर महीने पहली तारीख को जो लोन लेते हैं उसके ब्याज से बचने के लिए 5 को वेतन और 10 को पेंशन दी जा रही है, लेकिन हम सुनिश्चित करेंगे कि अगले महीने पहली तारीख को वेतन और पेंशन मिल जाए। निगम और बोर्ड अपने हिसाब से वेतन देंगे। साथ ही सीएम ने कहा कि हम कोशिश कर रहे हैं कि जो बोर्ड-निगम लाभ में हैं वो DA आदि अपने पैसे से दें। सीएम ने कहा कि आने वाले समय में ट्रैजरी की मैपिंग के अनुसार वेतन और पेंशन दी जाएगी।
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