कांग्रेस के 6 बागियों को भाजपा ने बनाया है उम्मीदवार, मुख्यमंत्री ने सीधे लगाया है 15 करोड़ में बिकने का आरोप
शिमला. हिमाचल की चुनावी सियासत एक अलग ही मोड पर नजर आ रही है। जनता और विकास के मुद्दों की बजाय आरोप-प्रत्यारोप की दिशा ले चुकी है। कांग्रेस पार्टी के नेता कांग्रेस के बागियों पर भाजपा के हाथों बिकने का आरोप खुलकर लगा रहे हैं। करोड़ों रुपए में बिकने के आरोप से घिरे बागी नेता अब जनता के सामने सफाई दे रहे हैं कि हम बिके नहीं हैं और न ही हम गद्दार हैं। कांग्रेस के आरोप गलत हैं, हम सभी ने हिमाचल के स्वाभिमान के लिए राज्यसभा चुनावों में भाजपा प्रत्याशी को वोट दिया। कांग्रेस के बागी और उपचुनावों में भाजपा के उम्मीदवार के रुप में जनता के दरबार में जाने वाले बागियों की सफाई पर जनता कितना विश्वास करती है, यह तो चुनाव के परिणाम आने के बाद ही पता चलेगा। लेकिन यह तो तय है कि चुनावों में करोड़ों रुपए में बिकने के आरोप और बागियों की सफाई प्रमुख मुद्दा बन गया है और यह मुद्दा चुनावों को प्रभावित भी करेगा।
कांग्रेस से बगावत कर भाजपा के दामन थामने वाले कांग्रेस के 6 बागियों को भाजपा ने विधानसभा के उपचुनावों में पार्टी का उम्मीदवार बनाया है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कांग्रेस से बगावत कर भाजपा में गए सभी पूर्व विधायकों पर 15-15 करोड़ में बिकने का आरोप लगाया है और मुख्यमंत्री ने रैली में दाबा भी किया कि इसके उनके पास साबूत हैं। मुख्यमंत्री के आरोपों के खिलाफ सुधीर शर्मा और राजेंद्र राणा ने मुख्यमंत्री पर 5 करोड़ रुपए की मानहानि का दाबा किया है। इसके साथ सुधीर शर्मा ने मुख्यमंत्री के खिलाफ अपराधिक केस दर्ज करने का आवेदन भी पुलिस को दिया है। कांग्रेस से बगावत कर भाजपा में शामिल हुए बागियों ने कहा कि वह बिके नहीं हैं, उन्होंने हिमाचल के स्वाभिमान के लिए राज्यसभा चुनावों में भाजपा प्रत्याशी को वोट दिया है। भाजपा के प्रत्याशी हिमाचल से थे और कांग्रेस के प्रत्याशी बाहरी थे। मुख्यमंत्री की खिलाफत करने के बारे में बागियों का कहना है कि मुख्यमंत्री उनकी सुनते नहीं थे, काम नहीं करते थे और जलील करते थे। बागियों की तरफ से लगातर यही सफाई जनता के सामने आ रही है। इस तरह अब बागियों को लगातार जनता के सामने यही सफाई दे रहे हैं कि वह बिके नहीं हैं। कांग्रेस नेताओं के आरोप गलत हैं। इस तरह चुनाव में करोड़ों में बिकने और न बिकने की सियासत चल रही है।