संदीप उपाध्याय
शिमला. प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के साथ व्यवस्था परिवर्तन का नया दौर चल रहा है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू चारों तरफ व्यवस्था परिवर्तन की दुहाई दे रहे हैं। शायद इसी व्यवस्था परिवर्तन के चलते कांग्रेस पार्टी के दो दिग्गज नेता पूर्व मंत्री व धर्मशाला से विधायक सुधीर शर्मा और सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा को अभी तक सत्ता में कोई स्थान नहीं मिला। सुधीर शर्मा और राजेंद्र राणा को मंत्री पद का प्रबल दावेदार माना जाता रहा था, लेकिन मुख्यमंत्री सुक्खू के मंत्रीमंडल गठन से लेकर मंत्रीमंडल विस्तार तक दोनों नेताओं को कैबिनेट में जगह नहीं मिली। कांग्रेस सरकार बनने के बाद सत्ता में स्थान न मिलने से दोनों नेताओं के सियासी कद पर सवाल खड़े होने लगे और जनता के बीच सही संदेश नहीं गया। नेता हैं तो सार्वजनिक तौर पर अपनी नाराजगी प्रकट कर नहीं सकते, लेकिन सत्ता में स्थान न मिलने से दोनों नेताओं को नाराज होना स्वाभाविक है और ऐसी चर्चाएं शुरु भी हो गई हैं। नाराज होकर क्या करेंगे, क्या कर पाएंगे, यह सवाल बड़ा भी है और अलग भी है। सियासत में सब कुछ संभव है, किसी भी संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। फिरहाल दोनों नेताओं को लेकर कांग्रेस की सियासत गरम हो गई है। अब सूचना है कि पार्टी हाईकमान ने मुख्यमंत्री सुक्खू सहित पूरी सरकार, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह के साथ-साथ सिर्फ दो विधायक सुधीर शर्मा और राजेंद्र राणा को दिल्ली तलब किया है। यदि यह सूचना सही है, तो तय है कि हाईकमान के हस्तक्षेप से दोनों नेताओं को नई जिम्मेदारी मिल सकती है।
सरकार के एक साल पूरे होने का जश्न धर्मशाला में हुआ। जश्न को सफल बनाने में सुधीर शर्मा ने मेहनत की और अपने संबोधन में मुख्यमंत्री सहित सरकार की सराहना की। इसके दूसरे दिन ही मंत्रीमंडल विस्तार हो गया, जिसमें राजेश धर्माणी और यादविंद्र गोमा मंत्री बने, लेकिन सुधीर शर्मा को स्थान नहीं मिला, जिनके मंत्री बनने की प्रबल संभावना थी। इसी के बाद विधानसभा का सत्र धर्मशाला में हुआ। सत्र के पहले विधायक दल की बैठक हुई, जिसमें सुधीर शर्मा किसी कारणवश शामिल नहीं हो सके। विधानसभा सत्र में सुधीर शर्मा शामिल तो हुए, लेकिन प्रमुखता से कहीं नजर नहीं आए। जिससे कयास लगना लाजमी है कि सुधीर शर्मा नाराज चल रहे हैं। चाहे वह नाराज हों, या न हों, सियासत में ऐसे सवाल उठने लगते हैं। विधानसभा के आखिरी दिन रात को सूचना आई कि मुख्यमंत्री सुक्खू धर्मशाला में सुधीर शर्मा के घर पहुंचे और दोनों नेताओं के बीच करीब 1 घंटे तक चर्चा हुई। चर्चा क्या हुई, यह दोनों ही जानते हैं, लेकिन तय है कि मुख्यमंत्री ने सुधीर की नाराजगी दूर करने का प्रयास किया होगा। अभी सरकार में मंत्री का एक पद खाली है, जिसमें संभावना बन सकती है। इसी बीच नई सूचना आई कि अब हाईकमान ने पूरी सरकार को दिल्ली बुला लिया है। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह को भी 27 दिसंबर का बुलावा आया है, तो सुधीर शर्मा और राजेंद्र राणा को भी दिल्ली बुलाने की खबरें चल रहीं हैं। अभी तक इन खबरों के बारे में किसी भी प्रकार की पुष्टि नहीं है। 27 तारीख दूर नहीं है, जाएंगे तो सबको पता चल जाएगा। लेकिन सरकार और प्रदेशाध्यक्ष के अलावा सिर्फ दो विधायकों सुधीर शर्मा और राजेंद्र राणा को हाईकमान ने क्यों बुलाया, यह बड़ा सवाल है। अगर खबर सही है, तो तय है कि दोनों विधायकों की नाराजगी हाईकमान तक पहुंच गई है। अब हाईकमान के हस्तक्षेप से ही दोनों नेताओं को सत्ता या संगठन में जगह मिल सकती है। मुख्यमंत्री की कैबिनेट में एक मंत्री पद खाली है, जिससे संभावना है कि एक की मंत्री पद पर ताजपोशी हो सकती है, तो दूसरे के लिए कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष पद पर आसीन करने पर मंथन हो सकता है। वर्तमान में प्रदेशाध्यक्ष के पद पर मंडी संसदीय क्षेत्र की सांसद प्रतिभा सिंह विराजमान है। अब लोकसभा चुनाव नजदीक हैं, ऐसा माना जा सकता है कि प्रतिभा सिंह ही मंडी संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस की प्रत्याशी होंगी। जिससे लोकसभा चुनाव पर फोकस करने के कारण प्रतिभा सिंह को प्रदेशाध्यक्ष पद से मुक्त किया जा सकता है। दिल्ली के मंथन में ऐसा भी हो सकता है कि दोनों बड़े नेताओं को लोकसभा टिकट देने पर विचार किया जाए। राजेंद्र राणा को हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से तो सुधीर शर्मा को कांगड़ा संसदीय क्षेत्र से प्रत्याशी बनाए जाने पर विचार हो सकता है। हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में राजेंद्र राणा का कद बड़ा है। राणा ने पिछले विधानसभा चुनावों में भाजपा के मुख्यमंत्री के चेहरा रहे पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल को पराजित किया है। धूमल को पराजित करने के कारण राणा का सियासी कद बहुत बढ़ गया है। वह बड़े और दिग्गज नेताओं की कतार में खड़े हो गए हैं। अब देखना होगा कि दिल्ली के मंथन में क्या सामने आता है, लेकिन तय है कि कांग्रेस की सियासत में सुधीर शर्मा और राजेंद्र राणा को लेकर सियासी गर्मी शुरु हो गई है, जिससे जल्द ही कुछ खास देखने को मिलेगा, यह तय है।