शिमला. आक्रामक रुख के साथ चुनावी मैदान में उतरे मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू जनता के बीच सीधा संदेश दे रहे हैं कि यह सरकार बचाने की लड़ाई नहीं है, यह लोकतंत्र बचाने की लड़ाई है। लोकतंत्र के खिलाफ सरकार गिराने की साजिश रचने वालों को जनता सबक सिखाने को तैयार है। भाजपा में विधायकों की खरीद फरोख्त कर राज्यसभा की 1 सीट चुराई है। देवभूमि हिमाचल की जनता लोकसभा चुनावों में भाजपा की सबक सिखाएगी और कांग्रेस चारों सीटों की जीत दर्ज करेगी। लोकतंत्र बचाने की लड़ाई में मुख्यमंत्री ने साहस दिखाते हुए कांग्रेस के दो विधायकों को लोकसभा के मैदान में उतारकर संदेश दिया है कि सरकार बचाने की चिंता नहीं है। लोकतंत्र बचेगा तो सरकार चलती रहेगी। मुख्यमंत्री के सीधे संदेश से जनता के बीच भी प्रभाव हो रहा है और जनता की खरीद फरोख्त की राजनीति के खिलाफ अपना मत देने के साथ खड़ी नजर आ रही है।
प्रदेश में हुए राज्यसभा चुनावों के समय 6 विधायकों ने बगावत कर पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ जाकर भाजपा प्रत्याशी को वोट दिया। 6 विधायकों के बगावत करने के बाद भी प्रदेश सरकार बहुमत के साथ चल रही है, लेकिन भाजपा विधायकों के खरीद फरोख्त करने के आरोपों से घिर गई। कांग्रेस से बगावत करने के बाद 6 विधायक भाजपा में शामिल हो गए और भाजपा ने प्रदेश में हो रहे उपचुनाव में कांग्रेस के सभी बागियों को टिकट भी दे दिया। कांग्रेस इसे ही लेकर भाजपा को घेर रही है कि भाजपा ने जनता के दिए जनादेश के खिलाफ जाकर लोकतंत्र के साथ खिलबाड़ किया और जनता के द्वारा चुनी हुई सरकार को धनबल के दम पर गिराने का प्रयास किया। जिससे लोकसभा के साथ प्रदेश में हो रहे विधानसभा के उपचुनाव में भाजपा चारों तरफ से घिरी नजर आ रहे हैं। भाजपा के खिलाफ पहला आरोप है कि सरकार गिराने के लिए धनबल का उपयोग कर विधायकों की खरीद फरोख्त की। वहीं भाजपा को पार्टी में बगावत का सामना भी करना पड़ रहा है। कांग्रेस के बागियों को टिकट देने से भाजपा को सभी 6 विधानसभा क्षेत्र में बगावत का सामना करना पड़ रहा है। वहीं विधानसभा चुनावों को मुकाबला कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस के बागियों के बीच हो गया है। भाजपा के जमीनी नेता और गत चुनावों में प्रत्याशी रहे नेता दरकिनार कर दिए गए। जिससे भाजपा को हर जगह पर बगावत का सामना करना पड़ रहा है।
इस तरह प्रदेश का चुनाव प्रचार अभियान का मुख्य मुद्दा लोकतंत्र बचाने का बन गया है। मुख्यमंत्री के साथ पूरी कांग्रेस पार्टी के नेता भाजपा पर पूरी तरह हमलावर नजर आ रहे हैं। वहीं भाजपा के उम्मीदवार व नेता विधायकों की खरीद फरोख्त, करोड़ों रुपए में बिकने, जनादेश का अपमान करने और सरकार गिराने के लिए साजिश रचने के आरोपों से घिरे नजर आ रहे हैं।