आज पंजाब के राज्यपाल और यूटी चंडीगढ़ के प्रशासक श्री गुलाब चंद कटारिया ने नगर निगम, चंडीगढ़ के बजट आय और व्यय की समीक्षा के लिए यूटी सचिवालय, सेक्टर-9, चंडीगढ़ में एक बैठक की अध्यक्षता की।
नगर निगम के आयुक्त श्री अमित कुमार ने निगम की वर्तमान वित्तीय स्थिति और उन तरीकों और साधनों को प्रस्तुत किया, जिनके द्वारा एमसीसी वर्तमान संकट से बाहर आ सकती है। उन्होंने अतिरिक्त सहायता अनुदान के लिए भी अनुरोध किया।
एमसी आयुक्त ने पिछले पांच वर्षों के बजट परिव्यय प्रस्तुत किए और इस बात पर जोर दिया गया कि निगम के अपने स्रोतों और व्यय में वृद्धि की दर की तुलना में, सहायता अनुदान में आनुपातिक रूप से वृद्धि नहीं की गई है। उन्होंने राजस्व बढ़ाने और व्यय को कम करने की रणनीति भी प्रस्तुत की जिसमें जल बिलों और संपत्ति कर से बकाया राशि की वसूली; खाली भूमि और संपत्तियों का इष्टतम उपयोग; संपत्ति कर ढांचे में सुधार, जनशक्ति का युक्तिकरण, विज्ञापन से राजस्व में वृद्धि और सामुदायिक केंद्रों की बुकिंग।
यूटी चंडीगढ़ के प्रशासक श्री गुलाब चंद कटारिया ने निगम द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए जोर दिया कि निगम को संपत्ति कर प्राप्ति, संपत्ति कर और जल शुल्क के बकाया की वसूली, संपत्ति कर के उपनियमों में सुधार और जनशक्ति को युक्तिसंगत बनाकर अपने राजस्व में वृद्धि करनी चाहिए। उन्होंने बैठक में मौजूद सरकारी विभागों और पीजीआई, पीयू, पीईसी जैसे अन्य स्वायत्त निकायों के प्रतिनिधियों को संपत्ति कर और जल शुल्क के बकाया का तुरंत निगम को भुगतान करने का निर्देश दिया।
प्रशासक ने आगे निर्देश दिया कि नगर निगम (एमसी) को अपनी वित्तीय स्थिति को बढ़ाने के उद्देश्य से अपनी खाली जमीन और संपत्तियों का इष्टतम उपयोग करना चाहिए।
बैठक के दौरान यूटी चंडीगढ़ के मुख्य सचिव श्री राजीव वर्मा, राज्यपाल के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री के शिव प्रसाद, राज्यपाल के प्रमुख सचिव श्री विवेक प्रताप सिंह, वित्त सचिव श्री दीप्रवा लाकड़ा, स्वास्थ्य सचिव अजय चगती, प्रशासक के विशेष सचिव अभिजीत विजय चौधरी, आईटी सचिव हरि कल्लिक्कट, समाज कल्याण सचिव अनुराधा एस चगती तथा चंडीगढ़ प्रशासन और नगर निगम के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।