चण्डीगढ़, 17 जनवरी – हरियाणा के वन एवं पर्यावरण मंत्री राव नरबीर सिंह ने अहीरवाल क्षेत्र के प्रथम विधायक बाबू मोहर सिंह के नवनिर्मित स्मारक का लोकार्पण करते हुए कहा कि बाबू राव मोहर सिंह रेवाड़ी के अलावा अन्य कई जिलों में शिक्षा का प्रचार प्रसार करने में अहम भूमिका निभाई और वे शैक्षणिक क्रांति के जनक एवं अग्रदूत रहे थे।
वन एवं पर्यावरण मंत्री राव नरबीर सिंह ने यह बात आज जिला रेवाडी के गांव कंवाली स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में प्रथम विधायक बाबू मोहर सिंह के नवनिर्मित स्मारक का लोकार्पण के दौरान कही।
उन्होंने कहा कि हमारे युवा वर्ग को शैक्षणिक क्रांति के ऐसे पुरोधा, प्रखर राजनीतिज्ञ, निष्पक्ष समाजसेवी, दूरद्रष्टा चिंतक के दिखाएं रास्ते पर चलते हुए देश की उन्नति में अपना योगदान देना चाहिए। इस दौरान उन्होंने स्कूल में पौधरोपण भी किया। उन्होंने कहा कि हम सभी को पर्यावरण संरक्षण को लेकर गंभीर होना पड़ेगा। हमें कागज की बर्बादी को रोकना होगा ताकि पेड़ों की कटाई कम से कम हो। शादियों में छपने वाले कार्डों की जगह आमजन को ऑनलाइन निमंत्रण देने चाहिए। उन्होंने कहा कि इसकी शुरुआत उन्होंने स्वयं अपने घर की शादी में ऑनलाइन निमंत्रण देकर की थी। इस अवसर पर मंत्री ने विद्यालय में विभिन्न कार्यों के लिए 21 लाख रुपए देने की भी घोषणा की।
गौरतलब है कि बाबू मोहर सिंह अविभाजित पंजाब में पहली बार 1942, दूसरी बार 1946 में विधायक तथा 1954 में एमएलसी रहे। वे अहीरवाल के प्रथम विधायक के अलावा सेंट स्टीफन कॉलेज, दिल्ली के अहीरवाल क्षेत्र से प्रथम स्नातक भी थे। लाहौर यूनिवर्सिटी से कानूनी पढ़ाई के बाद उन्होंने अहीरवाल में शैक्षणिक क्रांति की अलख जगाई तथा क्षेत्र में करीव एक दर्जन शैक्षणिक संस्थाएं खुलवायीं। आसपास शिक्षण संस्थान नहीं होने के कारण बेटियों को शिक्षा हासिल करने में काफ़ी कठिनाई होती थी। इन परिस्थितियों के मद्देनजर उन्होंने ब्रेन हाई स्कूल रेवाड़ी, जुबली अहीर स्कूल रेवाड़ी, श्री कृष्ण हाई स्कूल कंवाली, अहीर कॉलेज रेवाड़ी, जे.बी.टी. सेंटर रेवाड़ी, क्राफ्ट एवं ड्राईंग टीचर सेंटर रेवाड़ी, द्रोणाचार्य कॉलेज गुड़गाँव, श्री कृष्ण हाई स्कूल ढ़ाणा खुर्द हांसी आदि खुलवाने में उल्लेखनीय योगदान।