संदीप उपाध्याय
शिमला. मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू जनता के बीच एक सशक्त नेतृत्व के रुप में स्थापित हो रहे हैं। मुख्यमंत्री ने एक साल के कार्यकाल में जनता के बीच संदेश दिया है कि उन्होंने जो बोला, वह करके दिखाया है। मुख्यमंत्री सुक्खू अपनी सशक्त कार्यप्रणाली के चलते जनता का भरोसा हासिल करने में कामयाब हो रहे हैं। सरकार के एक साल के दौरान मुख्यमंत्री ने जो भी निर्णय लिए, वह एक साल के अंदर ही जनता के सामने सच्चाई के रुप में स्थापित होते दिख रहे हैं। मुख्यमंत्री हर कदम बहुत सोच-समझकर उठाते हैं और कदम उठाते हैं तो मंजिल तक पहुंचकर ही रहते हैं। मुख्यमंत्री ने यह सशक्त नेतृत्व क्षमता संगठन में किए गए चालीस सालों के संघर्ष से हासिल की है, जो अब मुख्यमंत्री की कुर्सी पर विराजमान होने के बाद प्रदर्शित हो रही है।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद अनाथ बच्चों की जिंदगी रोशन करने का सपना देखा। पहले दिन ही 100 करोड़ के बजट से सुख आश्रय योजना की ऐलान किया। एक साल के अंदर ही प्रदेश के हजारों अनाथ बच्चों को सुख आश्रय योजना का लाभ मिल रहा है। प्रदेश के अनाथ बच्चों को अनाथ आश्रम में बेहतर सुविधाओं के साथ अच्छी शिक्षा हासिल हो रही है। इससे आगे अनाथ बच्चों को स्टार्टअप शुर करने का फंड भी मिलने लगा तो आज अनाथ बेटी को घर बनाने के लिए तीन बीघा जमीन भी प्रदान कर दी गई है। अब मकान बनाने के लिए पैसे भी जल्द दिए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने हिमाचल को ग्रीन राज्य और ग्रीन ऊर्जा राज्य बनाने का संकल्प लिया। ग्रीन राज्य और ग्रीन ऊर्जा राज्य बनाने के लिए नीति बनाई। मुख्यमंत्री ने पहला कदम उठाया कि अब परिवहन निगम डीजल से चलने वाली बसें नहीं खरीदेगी और अपने फैसले पर अडिग रहकर परिवहन निगम के बेड़े में इलेक्ट्रानिक बसें ही खरीदी जा रही हैं। इसके साथ ही सरकार ने नया फैसला लिया कि अब सरकार कोई भी डीजल और पेट्रोल से चलने वाली गाड़ी नहीं खरीदेगी। यदि कोई खरीदने भी पड़े तो कैबिनेट की मंजूरी से ही खरीदी जाएगी। जिसका असर यह हुआ कि अब सरकारी विभागों में इलेक्ट्रिक बसें ही खरीदी जा रही हैं। वहीं युवाओं को रोजगार देने के लिए ई-कार, बस और ट्रक खरीदने पर 50 फीसदी अनुदान का ऐलान किया। जिससे अब प्राइवेट क्षेत्र में भी इलेक्ट्रिक वाहन खरीदे जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने ग्रीन ऊर्जा राज्य बनाने के लिए कदम उठाया और बहुत ही कम समय में ऊना जिले के पेखूबेला में सौर ऊर्जा संयंत्र का शिलान्यास किया, जो तीन महीने बाद ही सौर ऊर्जा का उत्पादन शुरु कर देगा। सौर ऊर्जा उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने उद्योगपतियों और बेरोजगार युवाओं के लिए नीति का ऐलान किया, जिसके भी सकारात्मक परिणाम सामने आने लगे हैं।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने दृण निश्चय किया कि 90 हजार करोड़ के कर्ज में डूबे प्रदेश को आत्मनिर्भर और आर्थिक रुप में मजबूत बनाया जाएगा। इसके लिए मुख्यमंत्री ने सरकार की आय बढ़ाने का फैसला लिया। सबसे पहले शराब के ठेकों की नीलामी करने का निर्णय लिया, जिससे सरकार को करीब 500 करोड़ से अधिक की आय हुई। इसके साथ ही विद्युत परियोजनाओं पर वाटर सेस लगाने का निर्णय लिया। जिससे भी सरकार को हजारों करोड़ की आय होगी। मुख्यमंत्री के प्रयासों से ही एक साल से भी कम समय में सरकार के राजस्व में 1100 करोड़ से अधिक की आय हुई है। जिससे दिख रहा है कि हिमाचल प्रदेश आर्थिक रुप में मजबूत होने की ओर बढ़ रहा है।
इस तरह जनता के बीच स्पष्ट संदेश जाता है कि मुख्यमंत्री सुक्खू जो कहते हैं, वह करके दिखाते हैं।