संदीप उपाध्याय
शिमला. प्रदेश सरकार के सबसे युवा मंत्री विक्रमादित्य सिंह को सियासत विरासत में मिली है। वह प्रदेश की सियासत में सबसे लंबी पारी खेलने वाले स्वर्गीय वीरभद्र सिंह के पुत्र हैं, जिससे लगता है कि जनता के दिल में उतरने का गुण उनके खून में हैं। विक्रमादित्य के हर सियासी कदम पर गौर किया जाए, तो वह बहुत मजबूत से हर कदम बढ़ाते हैं। सीधा बोलते हैं और जो बोलते हैं, वह करते भी हैं। जनता से मिलने का अंदाज बहुत निराला है, हर बड़ों को पूरा सम्मान देकर सिर झुकाकर, गले लगाकर मिलते हैं। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार में सबसे सक्रिय मंत्री के रुप में नजर आ रहे हैं। विभाग अच्छा मिला है, तो काम को भी बेहतर तरीके से अंजाम दे रहे हैं। विक्रमादित्य के सियासत में बढ़ते मजबूत कदमों से तय है कि वह प्रदेश की सियासत के बड़े खिलाड़ी साबित होंगे। काम के दम पर अपनी पहचान बनाने के लिए ही हर कदम बढ़ा रहे हैं। काम कर रहे हैं, तो नाम भी हो रहा है।
विक्रमादित्य सिंह प्रदेश सरकार में सबसे युवा मंत्री हैं और सिर्फ दूसरी बार के ही विधायक हैं, लेकिन उनका काम कई सीनियर नेताओं से अलग हटकर दिख रहा है। सरकार में लोक निर्माण और खेल मंत्री का कामकाज बखूबी देख रहे हें। वह लगातार जनता के बीच रहते हैं, दिल से मिलते हैं और जनता भी उन्हें गले लगाकर प्यार करती है। राजनीति का अनुभव कम है, लेकिन राजनीति के सभी गुण समाए हुए हैं, जो उन्होंने अपने पिता से सीखे हैं। विक्रमादित्य सिंह बोलते बहुत स्पष्ट हैं, कभी-कभी वह पार्टी लाइन से हटकर भी बोलते हैं।
सही का समर्थन, गलत का विरोध, स्पष्टवादिता
विक्रमादित्य सिंह ने अपना एक श्लोगन बना लिया है – सही का समर्थन, गलत का विरोध, इस राह पर चलकर कई बार वह केंद्र की भाजपा सरकार के पक्ष में भी बोल देते हैं और कांग्रेस पार्टी की लाइन से हटकर बोलते हैं। निष्पक्ष बोलों सत्य बोलों और बेबाक़ बोलों, सही का समर्थन ग़लत का विरोध। विक्रमादित्य सिंह की यही स्पष्टवादिता उनको जनता के बीच लोकप्रिय बना रही है। सरकार में मंत्री पद पर रहते हुए आपदा के समय व्यास नदी में अवैध खनन को लेकर खुलकर बोला, जिसका परिणाम यह रहा कि मुख्यमंत्री सुक्खू ने ब्यास नदी के किनारे होने वाले खनन पर प्रतिबंध लगा दिया। इसी तरह अफसरों की कार्यप्रणाली को लेकर खुलकर बोला और मुख्यमंत्री के समक्ष उठाया भी। इस तरह विक्रमादित्य सिंह स्पष्ट बोलने में विश्वास करते हैं।
जय श्री राम के नारे से भी चर्चित
विक्रमादित्य सिंह हमेशा अपनी सोशल मीडिया पोस्ट के साथ – जय श्री राम – का नारा लिखते हैं। सियासत में इस नारे को लेकर कई कयास लगाए जाते रहे हैं, लेकिन विक्रमादित्य सिंह का कहना है कि आस्था और राजनीति को नहीं जोड़ना चाहिए। आस्था जनता की व्यक्तिगत भावना है। वह कहते हैं कि आस्था और धर्म का राजनीति के साथ कोई सरोकार नहीं हैं , इन्हें मिलाने की कोशिश करने वाले निहायती कमजोर लोग होते हैं जो धर्म की आड़ में राजनीति करते हैं। धर्म के बारे में विक्रमादित्य सिंह की सोच पूरी तरह स्पष्ट है।
एक हिमाचल सर्वश्रेष्ठ हिमाचल, संपूर्ण हिमाचल का संतुलित विकास
विक्रमादित्य सिंह अपनी सियासत में पूरी तरह भेदभाव की खिलाफत करते हैं। वह पूरे हिमाचल को अपने परिवार के तौर पर संबोधित करते हैं। वह कहते हैं कि हर क्षेत्र का संतुलित विकास ही सरकार की जिम्मेदारी है। एक बार तो विक्रमादित्य सिंह ने मंत्रियों पर निशाना साधते हुए कह दिया था कि हम उन मंत्रियों में से जो सिर्फ अपने ही विधानसभा क्षेत्र में विकास करते हैं। हमारे लिए चंबा भी और कुल्लू भी, हिमाचल का हर कोना बराबर है। हम पूरे हिमाचल को अपना परिवार मानते हैं और हर क्षेत्र का विकास करना हमारी जिम्मेदारी है। विक्रमादित्य सिंह पूरे हिमाचल का दौरा करते हैं। वह कांग्रेस विधायकों के क्षेत्र के साथ-साथ विपक्षी दल भाजपा के विधायकों के क्षेत्र में भी विकास कार्य को अंजाम देते नजर आते हैं।
जो कहते हैं, वो करके दिखाते हैं
विक्रमादित्य सिंह स्पष्ट रुप से कहते हैं कि हम जो कहते हैं, उसे हर हाल में पूरा करके दिखाते हैं। जो कह दिया, वह पत्थर की लकीर है। यही सीख हमें पूर्वजों ने दी है। इस मामले में विक्रमादित्य सिंह खरे भी उतरते हैं। मंत्री बनने के एक साल के दौरान विक्रमादित्य सिंह ने ऐसे कई उदाहरण पेश किए हैं। कुल्लू के वैली ब्रिज को भी जनता के लिए समय पर समर्पित किया। विक्रमादित्य सिंह सड़कों के निर्माण में गुणवत्ता से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं करते हैं। वह हमेशा अधिकारियों और ठेकेदारों को हिदायत देते रहते हैं कि काम से कोई समझौता नहीं होगा।
इस तरह विक्रमादित्य सिंह सियासत के बड़े खिलाड़ी साबित हो रहे हैं। वही सीधा संदेश देते हैं कि जो कहेंगे, वो करके दिखाएंगे, सही को सही और गलत को गलत कहने का दम रखते हैं। जिससे जनता के बीच उनकी छवि एक अलग राजनैतिज्ञ के रुप में बन रही है।