संदीप उपाध्याय
शिमला. हिमाचल के डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री के निर्णय मास्टर स्ट्रोक साबित हो रहे हैं। जनहित में लिए जाने वाले साहसिक निर्णयों से मुकेश अग्निहोत्री की राजनैतिक सूझबूझ और प्रबंध कौशल का कमाल भी देखने को मिल रहा है। डिप्टी सीएम के द्वारा परिवहन विभाग और भाषा एवं संस्कृति विभाग से संबंधित निर्णय जन सुविधा की कसौटी पर खरे उतर रहे हैं, वहीं प्रदेश की आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी बहुमूल्य कदम हैं। मुकेश अग्निहोत्री के निर्णयों से जहां जनता को बेहतर सुविधा उपलब्ध हो रही है, वहीं दूसरी ओर प्रदेश सरकार का खजाना भी भर रहा है। देश हो या प्रदेश, जनता बेहतर सुविधा के लिए पैसों का भुगतान करने से पीछे नहीं हटती। जनता सुविधा मांगती है, जब बेहतर सुविधा मिलेगी, तो पैसे देने में जनता को परेशानी नहीं होती। इस आधार पर जनता को बेहतर सुविधा प्रदान करने के लिए निर्णय लिए जा रहे हैं। अग्निहोत्री ने चिंतपूर्णी मंदिर में 1100 की पर्ची के साथ 5 लोगों को दर्शन कराने का निर्णय, परिवहन विभाग में वीआईपी नंबर की ऑनलाइन नीलामी के माध्यम से बेंचने का निर्णय और बसों में समान भेजने की सुविधा प्रदान करने का निर्णय लेकर लागू किया है। जिससे जनता को सुविधा भी मिली और सरकारी खजाने में करोड़े रुपए जमा भी हुए।
डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री का सराहनीय निर्णय ऊना जिले की माता चिंतपूर्णी मंदिर में दर्शन के लिए टिकट का प्रबंध करने की है। अभी तक मंदिरों ने ऊंची पहुंच रखने वाले लोगों को जल्दी दर्शन की सुविधा मिलती थी, जो किसी भी तरह की फीस अदा नहीं करते थे, अपने प्रभाव से वीआईपी दर्शन करते थे। लेकिन अब मुकेश अग्निहोत्री ने अपने भाषा एवं संस्कृति विभाग के माध्यम से निर्णय लिया कि अब मंदिर में जल्दी दर्शन करने के लिए पैसों का भुगतान करना होगा। जिसमें तय है कि 1100 रुपए की पर्ची कटेगी, जिसमें पांच लोगों की दर्शन की सुविधा होगी। इसमें तय है कि दिन में 500 से अधिक पास नहीं दिए जाएंगे। इस पास सिस्टम में कोई सिफारिश नहीं चलेगी। अब आम आदमी भी ऑनलाइन पास की बुकिंग कर सकता है और माता के दर्शन कर सकता है। अभी तक हजारों लोगों ने पास के सिस्टम से दर्शन की सुविधा प्राप्त की और सरकार के खजाने में एक माह में करीब 50 लाख रुपए की आय हुई है। जनता को सुविधा भी मिली और सरकार को आय भी हुई।
इसी तरह मुकेश अग्निहोत्री ने अपने परिवहन विभाग में गाड़ियों के वीआईपी नंबरों की सिफारिश बहुत होती है। हर प्रभावशाली आदमी सिफारिश से गाड़ियों के लिए अच्छे नंबर ले लेते थे। अग्निहोत्री ने व्यवस्था बदली और वीआईपी नंबरों की ऑनलाइन नीलामी का सिस्टम लागू किया। अब बिना किसी सिफारिश के कोई भी आदमी ऑनलाइन बोली लगाकर मनचाहा नंबर ले सकता है। गाड़ियों के वीआईपी नंबरों की ऑनलाइन बिक्री से विभाग को अभी तक करीब 6 करोड़ रुपए से अधिक की आय हो चुकी है। डिप्टी सीएम की नई सोच के कारण हजारों करोड़ के घाटे में चल रहे परिवहन निगम को बहुत बड़ी राहत मिलेगी।
मुकेश अग्निहोत्री ने परिवहन विभाग में ही एक और बड़ा निर्णय लिया है, जो घाटे में चल रहे परिवहन निगम की आय बढ़ाने में मील का पत्थर साबित होगा। निगम की सभी बसों में लोगों को अब अपना समान भेजने की सुविधा प्रदान की है। बसों में समान भेजने की सुविधा बहुत ही कम समय में समान को एक शहर से दूसरे शहर पहुंचाने में कारगर साबित होगी। इस सुविधा के तहत आज सुबह समान बुक कराएंगे और शाम तक समान की डिलेवरी संबंधित बसे अड्डे में हो जाएगी। समान ले जाने की सुविधा सवारी के साथ तो होगी ही, बिना सवारी के सफर किए भी समान दूसरे शहरों में पहुंचा दिया जाएगा। यदि आप शाम को शिमला से कोई समान बुक करते हैं, तो वह दूसरे दिन सुबह दिल्ली पहुंच जाएगा। ऐसी सुविधा की कमी हमेशा लोगों को खलती रही है। हिमाचल प्रदेश के लाखों लोग नौकरी, पढ़ाई करने के लिए चंडीगढ़, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में रहते हैं। परिवार वाले कुछ न कुछ समान बसों से भेजना चाहते हैं। यह सुविधा न होने के पहले भी यह समान जाता रहा है लेकिन फिर बसों की ड्राइवर कंडक्टर या बस अड्डे के कर्मचारियों से जुगाड़ लगाना पड़ता था या सिफारिश करानी पड़ती थी। लेकिन अब वैध रुप से सुविधा चालू होने से आम आदमी को बहुत फायदा होगा।
इस तरह मुकेश अग्निहोत्री अपनी राजनैतिक सूझबूझ के साथ साहसिक निर्णय ले रहे हैं। जिनसे जनता को बेहतर सुविधा मिल रही है।