शिमला. कांग्रेस के दिग्गज नेता और सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में बड़ा धैर्य रखने के बाद आज महाभारत वाला संदेश पोस्ट किया है। राणा ने लिखा है :
जो विवादों से दूर रहते हैं, वही दिलों पर राज करते हैं…
जो विवादों में उलझ जाते हैं , वे अक्सर दिलों से भी उतर जाते हैं
महाभारत का प्रसंग देखिए: पांडवों ने सिर्फ पांच गांव ही तो मांगे थे और दुर्योधन ने सुई की नोक के बराबर भी जमीन देने से इंकार कर दिया था। एक ज़िद ने महाभारत रच दिया।
सुकून भरी जिंदगी के लिए विवादों से दूरी, है बेहद जरूरी।
राजेंद्र राणा को प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने के आठ महीने बाद यह उपदेश क्यों देना पड़ा, यह बड़ा सवाल भी है। राणा के इस उपदेश के सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं। राणा किसे यह संदेश दे रहे हैं और किसे विवाद या महाभारत से बचने का उपदेश दे रहे हैं, यह सियासत को समझने वाले समझ रहे हैं। राजेंद्र राणा कहीं पर निगाहें, कहीं पर निशाना तो नहीं साधा है।
कांग्रेस सरकार बनने के बाद राजेंद्र राणा मंत्री पद के मजबूत दावेदार रहे हैं। लेकिन आठ महीने से इंतजार की करना पड़ रहा है। आए दिन यह चर्चा होती रहती है कि मंत्रीमंडल में शीघ्र ही तीन नए मंत्री शामिल होने वाले हैं। जिसमें राजेंद्र राणा का नाम प्रमुखता के साथ आता है। अभी तक सरकार में तीन मंत्री की जगह खाली है लेकिन शपथ ग्रहण समारोह नहीं हो पा रहा है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू जब भी दिल्ली दौरे पर जाते हैं तो यह चर्चा तेज हो जाती है कि वह हाईकमान से स्वीकृति लेकर मंत्रीमंडल का विस्तार करेंगे लेकिन अभी तक नहीं हो पाया है।
महाभारत के इस उपदेश के बारे में राजेंद्र राणा कहते हैं कि मैं तो समाज को संदेश दे रहा हूं कि जो गलती पहले हो चुकी है, वह न दोहराई जाए। इस उपदेश को जिस एंगल से समझना हो तो समझते रहें लेकिन मैं तो समाज को संदेश दे रहा हूं कि विवाद से दूर रहें। जो विवाद में उलझते हैं वह लोगों के दिलों से उतर जाते हैं।
राणा कुछ भी बोलें लेकिन यह तय है कि राणा ने यह उपदेश सियासी तीर की तरह छोड़ा है। जिससे समझने वाले समझ जाएं।