संदीप उपाध्याय
शिमला. प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में बनी कांग्रेस सरकार में व्यवस्था परिवर्तन का नया दौर शुरु हुआ है। व्यवस्था परिवर्तन के नए दौर में कैबिनेट मंत्री को दबाने और डिक्टेट करने का साहस अफसर करने लगे हैं। ऐसा मामला शायद पहली बार ही सामने आया है, जब कैबिनेट स्तर के मंत्री को सार्वजनिक रुप से कहना पड़े कि सरकार के अफसर उन्हें दबाने और डिक्टेट करने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन वह दबने वालों में से नहीं हैं और इस बर्दाश्त नहीं करेंगे। सत्ता की सियासत को समझने वाले समझते हैं कि सत्ता की पावर हासिल करने वाले अपनी ही सरकार के राजनैतिक प्रतिद्धंदियों को पावरलेस करने की सियासत करते हैं। लेकिन यह सब परदे के पीछे चलने वाला सियासी खेल होता है। कांग्रेस सरकार में महत्वपूर्ण विभाग का जिम्मा संभाले कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य ने साहस दिखाया और नौकरशाही को सीधे चेतावनी दे डाली कि वह लक्ष्मण रेखा पार न करें। इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
अब सवाल उठता है कि आखिर सरकार में कौन से अफसर हैं जो कैबिनेट मंत्री को दबाने और डिक्टेट करने का प्रयास कर रहे हैं। सवाल यह भी उठता है कि अफसरों को मोहरा बनाकर मंत्री को पावरलेस करने की साजिश हो रही है। सामान्य तौर पर देखा जाए तो कैबिनेट मंत्री का सीधा बास्ता विभाग के सचिव और सरकार के प्रमुख सचिव से ही होता है। लगभग सभी फाइलें विभाग के सचिव के माध्यम से ही प्रमुख सचिव और सरकार के मुखिया मुख्यमंत्री के पास जाती हैं। इनमें से कौन मंत्री को दबाने और डिक्टेट करने का प्रयास कर रहा है, यह बात विक्रमादित्य सिंह ने सीधे मुख्यमंत्री के समक्ष उठाने की बात की है। विक्रमादित्य ने मीडिया के सामने इसका खुलासा नहीं किया।
एक दिन पहले मीडिया के सामने आए लोक निर्माण एवं खेल मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने सरकार की नौकरशाही पर हमला किया है। विक्रमादित्य सिंह बहुत ही गुस्से में मीडिया के सामने आए और कहा कि अफसर डिक्टेट करने का प्रयास कर रहे हैं। जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अफसर सोचें कि वह उन्हें दबा देंगे, ऐसा हो नहीं सकता। हम जनता के चुने हुए प्रतिनिधि हैं, जनता के हक के लिए अफसरशाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अफसर लक्ष्मण रेखा को लांघ रहे हैं, जिससे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हम जनता के चुने हुए प्रतिनिधि हैं, नौकरशाही हमें डिक्टेट नहीं कर सकती। इस मामले को मुख्यमंत्री के समक्ष गंभीरता से उठाऊंगा। अफसर शाही जो कर रही है, उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
विक्रमादित्य ने कहा कि मुझे पता चला है कि विभाग से जो प्रोपजल बनाए जाते हैं, वह परमाणु से आगे दिल्ली पहुंचते-पहुंचते बदल जाते हैं। जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मैं इस बारे में लंबी बात नहीं कहना चाहता लेकिन साफ कहना चाहता हूं कि इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जो चीजें हो रहीं हैं, इसे टालरेट नहीं किया जाएगा और मुख्यमंत्री के समक्ष उठाया जाएगा। हम जनता की आवाज उठाते रहेंगे।
विक्रमादित्य ने कहा कि हमारे मन में बहुत सम्मान है। सरकार को सफलता पूर्व चलाने के लिए चुनी हुई सरकार और अफसरों के बीच बेहतर समन्वय होना चाहिए।
अब देखना होगा कि मुख्यमंत्री के दरबार में पहुंचने के बाद कैबिनेट मंत्री को दबाने और डिक्टेट करने का प्रयास करने वाले अफसरों पर कार्यवाई होती है कि व्यवस्था परिवर्तन के नए दौर में ऐसे ही सियासत चलती रहेगी।