मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जिला कुल्लू के ऐतिहासिक हिडिम्बा मंदिर मनाली में पूजा-अर्चना कर पांच दिवसीय राष्ट्र स्तरीय शरद् महोत्सव (विंटर कार्निवाल) का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने परिधि गृह मनाली से कार्निवाल परेड को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
इस अवसर पर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने महिला मंडलों, विभिन्न विभागों और संस्थाओं द्वारा प्रस्तुत झांकियों में गहरी दिलचस्पी दिखाई।
मुख्यमंत्री ने मनु रंगशाला में दीप प्रज्वलित कर सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी शुभारंभ किया।
इसके उपरांत एक जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने महिला मंडलों की प्रोत्साहन राशि को मौजूदा 10,000 रुपये से बढ़ाकर 20,000 रुपये करने की घोषणा भी की। उन्होंने क्षेत्र में पर्यटन और अन्य गतिविधियों को प्रोत्साहन करने के लिए मनाली में एक इंडोर स्टेडियम और आइस स्केटिंग रिंक का निर्माण करने की भी घोषणा की। उन्होंने वाहनों के सुचारू प्रवाह को सुनिश्चित करने के लिए मनाली बाईपास के निर्माण की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि पर्यटकों की सुविधा के लिए सोलंग नाला में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी। उन्होंने कहा कि इससे अटल टनल रोहतांग में आने वाले पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध होंगी। उन्होंने कहा कि मनाली की ओर आकर्षित करने के लिए साहसिक खेलों मंे रुचि रखने वाले लोगों के लिए डोभी और पीज को पैराग्लाइडिंग की दृष्टि से विकसित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस पार्टी द्वारा किए गए सभी दस वादों को चरणबद्ध तरीके से पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को मंत्रिमंडल की पहली कैबिनेट में लागू कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि 18 से 60 वर्ष की आयुवर्ग की महिलाओं को कांग्रेस पार्टी द्वारा किए गए वादे के अनुसार 1500 रुपये प्रति माह प्रदान किए जाएंगे।
सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश के स्वच्छ पर्यावरण को संरक्षित के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। इस दिशा में प्रदेश सरकार ने राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों को बड़े पैमाने पर प्रोत्साहित करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि आरंभ में इसी माह की 15 तारीख तक 18 वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहनों से बदला जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य में बेहतर चार्जिंग अधोसंरचना को भी स्थापित किया जाएगा ताकि लोग इलेक्ट्रिक वाहनों के विकल्प को चुन सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार जरूरतमंद बच्चों विशेषकर अनाथों, निराश्रित महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के पहले ही दिन उन्होंने शिमला के बालिका देखभाल संस्थान टूटीकंडी का दौरा किया और महसूस किया कि निराश्रित बच्चों, महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों के लिए अभी बहुत कुछ करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने 10 लाख रुपये का त्योहार अनुदान देने का निर्णय लिया है। बाल देखभाल संस्थानों, नारी सेवा सदन, शक्ति सदन और वृद्धाश्रमों के निवासियों को त्योहार मनाने के लिए 500 रुपये। उन्होंने कहा कि अब राज्य सरकार ने 101 करोड़ रुपये के परिव्यय से मुख्यमंत्री सुखाश्रय सहायता कोष स्थापित करने का निर्णय लिया है ताकि जरूरतमंद बच्चों और निराश्रित महिलाओं को उच्च शिक्षा की सुविधा प्रदान की जा सके. उन्होंने कहा कि ऐसे बच्चों के कौशल विकास, उच्च शिक्षा और व्यवसायिक प्रशिक्षण पर होने वाला खर्च राज्य सरकार वहन करेगी। उन्होंने कहा कि वह इस फंड में अपना एक महीने का वेतन देंगे और कांग्रेस के अन्य विधायक भी अपना एक महीने का वेतन देने के लिए तैयार हो गए हैं।
मुख्यमंत्री की ओर से 30,000 से अधिक परिवारों को 377 करोड़ रुपए की मुआवजा राशि वितरित करने की प्रक्रिया शुरू
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