वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल ने भोरंज की करियर पॉइंट यूनिवर्सिटी के 10 वें स्थापना दिवस पर संस्था को शिक्षण क्षेत्र के साथ-साथ सामाजिक क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए दी बधाई
भोरंज 7 अगस्त 2021 “जीवन में मानवीय मूल्यों का उत्थान करना” शिक्षा प्रदान करने का एक विशिष्ट पहलू होता है। इस विशिष्ट पहलू को सही मायनों में यथार्थ में परिवर्तित करने का काम करियर प्वाइंट यूनिवर्सिटी ने समाजिक उत्थान करके किया है जिसके लिए इस शिक्षण संस्थान के प्रबंधन सहित सारी टीम बधाई की पात्र है। शनिवार को वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल ने भोरंज की करियर प्वाइंट यूनिवर्सिटी के दसवें स्थापना दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में अपने संबोधन में यह बात कही है। उन्होंने कहा है कि बढ़िया शिक्षण संस्थान होने के साथ-साथ करियर प्वाइंट यूनिवर्सिटी ने इस क्षेत्र के आसपास के कई गाँवों के पारंपरिक उत्पादों को राष्ट्रीय मंच प्रदान कर स्थानीय रोजगार को बढ़ावा देने में बहुत अच्छी भूमिका निभाई है। पारंपरिक आजीविका के साधनों को अपनाने के लिए स्थानीय लोगों को विभिन्न क्षेत्रों जैसे कि हस्तशिल्प कलाकृतियां, मिट्टी के बर्तन, बांस की कलाकृतियां, दालों का उत्पादन, आचार व मुरब्बों का उत्पादन, फलों का उत्पादन, पारंपरिक पत्तलों का उत्पादन इत्यादि में स्थानीय लोगों को ना केवल प्रेरित किया बल्कि साधन भी उपलब्ध करवाए ताकि वह इस क्षेत्र में आगे बढ़ सके।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर शिक्षा के क्षेत्र की बात करें तो करियर प्वाइंट यूनिवर्सिटी ने देश में तीसरा स्थान हासिल कर अपने साथ साथ इस क्षेत्र का नाम भी रोशन कर हमें भी गौरवान्वित महसूस कराया है, क्योंकि श्रद्धेय अटल जी की प्रेरणा से हमने पूरे प्रदेश में कई शिक्षण संस्थान खोले थे, उनमें से यह संस्थान भी एक वह पौधा है जो आज फलदार वृक्ष बन के सब को लाभ पहुंचा रहा है। आज इस संस्थान से पढ़कर निकले एक विद्यार्थी सालाना 45 लाख रुपए के पैकेज का रोजगार प्राप्त करने में सफल हुए हैं, जो हर्ष का विषय है। उन्होंने संस्थान के अन्य विद्यार्थियों को भी कड़ी मेहनत कर जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि कोई संस्थान किस दिशा में आगे बढ़ रहा है यह बात पूर्ण रूप से वहां के प्रबंधन और वहां के शिक्षकों की टीम और उनकी मेहनत पर निर्भर करती है। करियर प्वाइंट यूनिवर्सिटी की टीम ने बढ़िया काम किया तो मात्र 9 वर्ष की बहुत ही कम समय में ऊंचे स्तर पर पहुंचे हैं। सभी शिक्षण संस्थान एक समान कार्य नहीं करते कई बार कुछ संस्थान गड़बड़ भी करते हैं। इस चीज को रोकने के लिए पूरे देश भर में हमने अपनी सरकार में हिमाचल प्रदेश में पहली बार रेगुलेटरी कमिशन की स्थापना की थी। जिसके द्वारा जो संस्थान सही कार्य नहीं कर रहे थे उनको जुर्माना भी लगाया गया था।
संस्थान द्वारा निकटवर्ती गांव महल में स्थानीय महिला मंडल समूह की मदद कर उनको पत्तल उत्पादन के लिए मशीन उपलब्ध करवाने के लिए संस्थान के प्रबंधन का धन्यवाद व्यक्त करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पत्तल उत्पादन का यह रोजगार एक तरफ जुड़ी हुई महिलाओं को विकसित करने के साथ-साथ दूसरी तरफ पर्यावरण के संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। प्लास्टिक की प्लेटों का इस्तेमाल कम होगा। उन्होंने बताया कि 15 अगस्त 2009 को हिमाचल प्रदेश सरकार ने उनके नेतृत्व में प्लास्टिक बैन की घोषणा की थी और 2 अक्टूबर को इसको पूर्णता लागू कर दिया था। हालांकि दूध ब्रेड जैसी कुछ दैनिक उपभोग की वस्तुएं फिर भी प्लास्टिक में आ रही थी, तो उनके लिए भी एक योजना बनाकर, लोक निर्माण विभाग द्वारा उस प्लास्टिक के कचरे का इस्तेमाल कर बनने वाली सड़कों में 1 किलोमीटर की लागत में लगभग ₹35000 की कमी लाई थी। जिसके लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री ने प्रदेश को पांच लाख रुपये का इनाम भी प्रदान किया था। और आज यह सुन के और भी हर्ष होता है कि विश्व के अन्य देशों में भी इस योजना को अपनाया जा रहा है।
इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री ने कृषि एवं हस्तशिल्प क्षेत्र में बढ़िया कार्य करने वाले लोगों को सम्मानित किया और संस्थान व स्थानीय स्वयं सहायता समूह द्वारा लगाई गई हस्तशिल्प व अन्य स्थानीय उत्पादों की प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया और उनकी सराहना की। भोरंज की विधायक एवं हिमाचल प्रदेश सरकार की डिप्टी चीफ व्हिप कमलेश कुमारी भी इस मौके पर उपस्थित रहीं।3 Attachments