शिमला के ठियोग में बीते दिनों जल शक्ति विभाग में बड़े घोटाले का खुलासा होने के बाद सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 10 अधिकारी व कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है।
माकपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व विधायक राकेश सिंघा ने इस मामले को उजागर करते हुए कहा था कि RTI में जल शक्ति विभाग में बड़ा गड़बड़झाला सामने आया था।राकेश सिंघा के मुताबिक करोड़ों रुपए का पानी स्कूटर,स्विफ़्ट डिजाइर व पिकअप समेत कई निजी वाहनों में पानी ढोने के कागज सामने आए हैं जोकि संभव ही नहीं है। इस पर सरकार ने ठियोग के एसडीएम मुकेश शर्मा की अगुवाई में जांच बिठाई गई थी। एक सप्ताह के भीतर इस मामले में कार्रवाई करते हुए सरकार ने रिपोर्ट के आधार पर आरोपी 10 अधिकारियों को निलंबित किया है।
ठियोग वाटर वितरण घोटाले में दो अधिशासी अभियंता तीन सहायक अभियंता समेत कई कनिष्ठ अभियंता भी सस्पेंड किए हैं जिसमें एक कनिष्ठ अभियंता की मौत हो चुकी है।
ठियोग में जलसंकट के दौरान टैंकरों के जरिए पानी की सप्लाई से जुड़े घोटाले में सरकार ने दो एक्सईएन सहित कुल 10 अफसरों को सस्पेंड कर दिया है। सस्पेंड किए गए अधिकारियों में मत्याना डिवीजन के एक्सईएन अशोक कुमार भोपाल, कसुम्प्टी डिवीजन के एक्सईएन बसंत सिंह, मत्याना एसपीओ परनीत ठाकुर, कोटी एसडीओ राकेश कुमार, वर्तमान में कोटगढ़ में तैनात एसडीओ विवेक शर्मा, ठियोग के जेई मस्त राम बराक्टा, लाफूघाटी के जेई सुरेश कुमार, मत्याना के जेई नीम चंद, रिटायर्ड जेई सुदर्शन और धरेच फागू के जेई सुनील कुमार शामिल हैं।
जल शक्ति व उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने मामले की पुष्टि करते हुए कहा कि किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा और इस मामले के आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने राज्य सरकार की भृष्टाचार की जीरो टॉलरेंस की प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा कि जैसे ही उनके संज्ञान में यह मामला आया था उसके बाद तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए गए। जिस पर कार्रवाई करते हुए कुछ अधिकारियों वकर्मचारियों को सस्पेंड किया गया है।