
स्वास्थ्य, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल ने आज यहां महिला विकास निगम की 50वीं और हिमाचल प्रदेश अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति विकास निगम की 75वीं निदेशक मण्डल की बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक का आयोजन महिलाओं, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के आर्थिक विकास और कल्याण को बढ़ावा देने के लिए चलाई जा रही योजनाओं की समीक्षा करने के लिए किया गया।
स्वास्थ्य मंत्री ने ऋण प्रक्रियाओं को सरल बनाने, ऋण मंजूरी का समय कम करने और लाभार्थियों के लिए ऋण सुविधा को और अधिक सुलभ बनाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करने के लिए ऋण प्रक्रिया को सरल बनाने पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यता है। उन्होंने कहा कि ऋण वितरण प्रक्रिया को त्वरित बनाने के साथ-साथ ऋण वितरण की सीमा को बढ़ाना पर कार्य किया जाना चाहिए चाहिए ताकि महिलाएं, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लाभार्थी विशेषकर ग्रामीण और दुर्गम क्षेत्र में अधिक से अधिक लोगों को लाभान्वित किया जा सके। उन्होंने ऋण वितरण के लिए वार्षिक और अल्पावधि लक्ष्य तय करने और उन्हें हासिल करने के लिए कार्य करने के निर्देश दिए ताकि इस पहल को प्रभावी ढंग से लागू किया जा सके।
मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने इन समुदायों को आर्थिक विकास, उद्यमिता और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए उपदान दरों पर ऋण प्रदान करने और ऋण प्रक्रिया को सरल बनाने का लक्ष्य रखा है। सरकार महिलाओं, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लाभार्थियों को कम ब्याज दर पर ऋण प्रदान कर रही है। उन्होंने आय सृजन की संभावनाओं और खर्च कम करने के विकल्प तलाशने को कहा ताकि अधिक से अधिक लाभार्थियों को लाभान्वित किया जा सके।
बैठक में इस पहल को और सशक्त बनाने से सम्बंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। मंत्री ने कहा कि इन मंजूरियों का महिलाओं और वंचित समुदायों के सामाजिक और आर्थिक विकास पर सकारात्क प्रभाव पड़ेगा। प्रदेश सरकार की सामाजिक कल्याण और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के प्रयासों का राज्य की प्रगति और विकास पर दीर्घकालिक प्रभाव होगा। सरकार एक समावेशी व समान समाज की दिशा में कार्य कर रही है, जहां हर व्यक्ति को विकास और प्रगति के समान अवसर प्राप्त होंगे।
इससे पूर्व स्वास्थ्य मंत्री ने कोली समाज की बैठक को सम्बोधित करते हुए शिमला के रझाणा में कोली समाज के भवन निर्माण कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने सम्बंधित विभागों को निर्माण क्षेत्र का संयुक्त निरीक्षण करने के निर्देश दिए ताकि वन स्वीकृति सहित सभी आवश्यक औपचारिकताएं आगामी सप्ताह में पूरी की जा सकें और निमार्ण कार्य शीघ्र शुरू हो सके।
इस अवसर पर निदेशक मण्डल के सदस्य, कोली समाज के पदाधिकारी और सम्बंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।