भारत रत्न के लिए राहुल गांधी तैयार है लेकिन अभी जनता मौका नहीं दे रही
शिमला, केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा
कांग्रेस ने हर प्रकार के खिलवाड़ संविधान के साथ किया तो वह केवल तुष्टीकरण की राजनीति के लिए है, एक वोट बैंक को नजर में रखते हुए किया जाता है। अगर आप कांग्रेस की तुलना भाजपा सरकार से करें, जो संशोधन मोदी जी के रहते आए वो जनहित के लिए लिए गए। महिलाओं के लिए विधेयक में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण दिया गया जिसको संसद एवं विधानसभाओं में कांग्रेस पार्टी क्यों नहीं कर पाई ? क्योंकि कांग्रेस को अपने घर बेटा बेटी ढूंढ कर काम करना पड़ेगा। कांग्रेस बेटा, बेटी और दामाद से बाहर नहीं जा सकती। कांग्रेस यह बर्दाश्त भी नहीं कर सकती कि परिवार के बाहर से कोई और पार्टी में आ जाए, ट्रिपल तलाक संशोधन लाकर कांग्रेस के पापों का प्रायश्चित मोदी जी ने किया, एक समाज की बहनों के साथ जो अन्याय हो रहा था उसके लिए मोदी इस कानून को लेकर आए। इसी प्रकार ईडब्ल्यूएस का कानून मोदी की लिए कांग्रेस क्यों नहीं ला सकी, कांग्रेस तो गरीबी हटाओ कब से कह रही थी लेकिन आपने गरीबी के नाम पर वोट लिया उसको गरीब रहने दिया ताकि उसकी गुरबत को आप शोषित कर सके लेकिन मोदी सरकार ने गरीब को सशक्त किया कि वो अपना रोजगार स्वयं कमा सके।
उन्होंने कहा कि मोदी जी ने रोजगार के लिए जो वैश्विक जो कि इस समय विकल्प है दुनिया भर में वो गरीब के सामने लाए, उसकी जागरूकता पैदा की, लाल किले से मोदी जी ने आह्वान किया और स्टार्ट अप इंडिया लिए। इस देश में स्टार्ट अप की संख्या मात्र 350 थी, लोगों को इस योजना की समझ भी नहीं थी कि स्टार्ट अप शब्द का अर्थ क्या है। आज इसकी संख्या बढ़ कर 1.50 लाख से ऊपर हो गई और दुनिया में हम तीसरे दर्जे पर आ खड़ा हुए। इसका मतलब है कि हमारे युवाओं में प्रतिभा, योग्यता, काबिलियत थी, मेहनत करने का मादा भी था लेकिन आपने अपनी परिवारवाद को बरकरार रखने के लिए उनको पीछे रखा और दुहाई दे रहे अंबेडकर की, अंबेडकर जी को चुनाव अगर हराने का काम किया तो कांग्रेस ने किया, 1952 बाय इलेक्शन हवाने का काम किया तो आपने किया, जब उनका स्वर्गवास होता है दिल्ली में तो उनके मृतक शरीर का निरादर किया तो आपने किया और उसके बदले में उनको मुंबई जाकर उनका संस्कार हुआ, मोदी सरकार ने तो ऐसा नहीं किया। बल्कि मोदी सरकार ने उनके पाच स्थल चिन्हित किए जिनका तालुक आंबेडकर के साथ था, मऊ मध्य प्रदेश जन्मस्थली, लंडन जहा उकी तालीम हुई, दिल्ली जहां उनका स्क्वाश हुआ, मुंबई जहां उनका संस्कार हुआ और इस प्रकार से पाच स्थानों पर उनके स्मारक बनाने का काम हुआ। मोदी सरकार से दिल्ली में डॉक्टर अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर स्थापित किया गया, कांग्रेस ने भारत रत्न किसको दिया नेहरू जी को दिया वह अभी प्रधानमंत्री खुद थे और अपने आपको भारत रत्न दे दिया, फिर किसको दिया इंदरा जी को दिया वो प्रधानमंत्री थी खुद ही अपने को भारत दे दिया फिर किसको दिया राजीव गांधी को दे दिया, अब सोनिया गांधी को भी देने वाले थे लेकिन सरकार बदल गई सन 2014 में, तो देश बच गए, भारत रत्न के लिए राहुल गांधी तैयार है लेकिन अभी जनता मौका नहीं दे रही, लेकिन अंबेदकर को इस कबीर नहीं समझा। अंबेदकर को एनडीए की सरकार ने भारत रत्न दिया और जिसके संविधान की प्रशंसा दुनिया भरने की यानी लंडन स्कूल ऑफ इकोनॉमिस के फाटक में आप दाखिल हो तो पहले उनकी मूर्ति है यानी वो सरकार जिसने 150 बरस हिंदुस्तान पर हुकूमत की दमन किया जिसके हम गुलाम थे उन्होंने उस गुलाम देश ने एक बुद्धिजीवी की मान्यता को स्वीकार किया लेकिन आपने उसको नकारा और आप हमें कह रहे की हम अंबेदकर का अनादर कर रहे है, और अब ये नया शुरूफा जो मीडिया में फलाने की कोशिश हो रही है कि मनमोहन सिंह जी का उचित सम्मान नहीं दिया गया उनके स्वर्गवास के बाद तो आपने क्या किया ? मनमोहन सिंह जी जब प्रधानमंत्री थे तो उनसे कागज लेकर मीडिया के आगे फड़े और ऐसे आपत्तिजनक शब्द इस्तेमाल किए कि वह किसने लिखा और अब जब उनका संस्कार भी हुआ तो उनकी अस्थियां लेने तो आपके में से कोई गया भी नहीं। मोदी जी ने मनमोहन सिंह जी को भी समान दिया, अंबेदकर , पटेल को भी दिया और शास्त्री को भी दिया। आपके परिवार एवं संगठन के वो नेता जिनको आप भूल चुके थे मोदी जी ने मुख्यमंत्री होते हुए उनके भी सम्मान दिया।
भाजपा ने एक देश व्यापी स्तर पर अभियान प्रारंब किया है, जिसका नाम संविधान पर्व रखा गया है और इसके संविधान के परमुख बिंदू क्या है इसकी जागरूकता पैदा करनी है। संविधान की संरक्षण, मूलियों का पालन करने, उसकी मर्यादाओं को बरकरार रखने और संविधान की विरासित को अगली पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए गत दस ग्यारा वर्षों में प्रधानमंत्री मोदी के व्यक्तिगत हस्तक्षेप से उनके द्वारा और उनके द्वारा क्या-क्या भिन-भिन कार्य किए गए और ये इसलिए भी करना आवशक महसूस हुआ कि कुछ एक समय से कांग्रेस पार्टी की ओर से एक दुश परचार देश भर में प्रारंब किया गया है जो ये परसेप्षन तबको सुनाई देना है आप सोड़ें एक दुष परचार प्रारंब किया गया है, जिसमें ये भ्रम फैलाने का प्रयास हो रहा है कि कांग्रिस ने तो संविधान क्या बड़ा संरक्षण किया हुआ था और भाजपा संविधान विरोधी है, लेकिन आज का जमाना है तर्ज और तुलना का है जिनको सब पता है। इसको लेकर आपके पास पुराने रिफरेंस भी हैं, तो हमारे आपसे निवेदन रहेगी कि तर्क भी ढूंढे जाए, तर्क क्या है इसकी शिनाख्त की जाए और तुलना की जाए कि पहले क्या था और अब सच क्या है। 88 बार कांग्रेस की सरकारों ने अनुच्छेद 356 का उपयोग या दुरूपयोग किया है,
और जब जब भी संविधान का संशोधन कांग्रेस की सरकार के द्वारा हुआ तो उसके पीछे की मंशा कहीं ना कहीं सत्ताधारी पार्टी अर्थात कांग्रेस पार्टी का हित खतरे में था। उन हितों को बचाने के लिए या अपने परिवारवाद को आगे बढ़ाने के लिए था जो कि किसी भी कानूनी चुनौती से ऊपर है। यानि कोई भी प्रधानमंत्री चुनाव में चुनौती ना दे सके, तो इससे किसको लाभ हुआ ? संशोधन से जानहित का भी लाभ नहीं है और लोकतंत्र मूल्यों का भी विपरीत है।