वन मंत्री के रुप में राकेश पठानिया चरागाह मार्गों को डिजिटाइज करने की बात कर रहे हैं। चराई सलाहकार पुनर्वलोकन समिति की 47वीं बैठक में पठानिया ने यह बात कही। यह सब डिजिटाइज होना भी चाहिए क्योंकि केंद्र की मोदी सरकार डिजिटल इंडिया के नारे के साथ हर कदम उठा रही है। प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी हर कदम पर डिजिटल होने का दम भरते हैं। सरकार हर समस्या का हल एक फोन पर करने का दम भी भरती है। लेकिन खेल मंत्री राकेश पठानिया के खेल विभाग के वेबसाइट कई वर्षों से अपडेट हुई नहीं दिखती है। खेल विभाग की वेबसाइट को देखकर लगता है कि यह कई वर्षों से अपडेट नहीं की गई हे। इतना जरुर है कि एक टोक्यो ओलंपिक से संबंधित 2020 का पोस्टर नया लगा नजर आ रहा है। वेबसाइट में यह भी पता नहीं चलता की खेल मंत्री कौन है, विभाग में कौन से अधिकारी कार्य कर रहे हैं। वेबासाइट में 2002 की खेल नीति का ब्यौरा जरुर दिखता है जिससे पढ़ने से लगता है कि अब इसकी उपयोगिता नहीं रही। इसके साथ ही 2014 और 2015 के आंकड़े ही वेबसाइट में नजर आ रहे हैं। वेबसाइट में प्रदेश के हर जिले में खेल पदाधिकारियों के पोस्टों की सूची तो नजर आती हैं लेकिन यह पता नहीं चलता कि यह पद भरे हैं या खाली हैं। किन खेलों के लिए कहां पर कोच उपलब्ध हैं, इसकी भी जानकारी नहीं है। खेल विभाग का खेल केंलेडर भी कहीं नजर नहीं आता कि सरकार एक वर्ष में कहां-कहां कौन सी खेल प्रतियोगिताएं आयोजित करता है या करने जा रहा है। वेबसाइट में खिलाड़ियों को जानकारी प्रदान करने और विभाग के अधिकारियों से संपर्क करने का कोई साधन नहीं है। खेल प्रशिक्षण की भी कोई जानकारी नजर नहीं आती। खेलों की सूची जरुर नजर आई जिससें तीन केटेगिरी में खेलों को विभाजन किया गया है। खेल मंत्री का चाहिए कि वह खेल विभाग के वेबसाइट को खिलाड़ियों के लिए उपयोगी बनाए। जिसमें खेलों से संबंधित सभी जानकारी, खेल केंलेडर के जानकारी, खेल प्रशिक्षकों और खेल प्रशिक्षण संस्थानों की जानकारी, खेलों के पुरस्कार के साथ अन्य आवश्यक जानकारी मिल सके। इसके साथ ही खिलाड़ी खेल विभाग से कैसे संपर्क करें और सुविधा प्राप्त करने के लिए कहां संपर्क करें, इसकी भी जानकारी हो तो बेहतर होगा। लेकिन खेल विभाग के वेबसाइट देखकर लगता है कि खेल मंत्री और अधिकारी वर्तमान समय में खेलों को लेकर बहुत गंभीर नहीं हैं। अगर होते तो फिर खेल मंत्री का सोशल मीडिया अकाउंट ओलंपिक खिलाड़ियों को बधाई देने के लिए और राजनैतिक व सरकारी कार्यक्रमों की गतिविधियों से लगातार अपडेट हो रहा है तो फिर खेल विभाग के वेबसाइट भी अपडेट होती दिखती, लेकिन ऐसा वेबसाइट में दिख नहीं रहा। ऐसा हो सकता है कि खेल विभाग के अधिकारी जमीन स्तर पर खेलों को बढ़ावा देने में जुटे हों और वेबसाइट को अपडेट करना महत्वपूर्ण न समझते हों। लेकिन जब डिजिटल इंडिया के आधार पर सरकार काम कर रही है तो फिर खेल विभाग को भी डिजिटल पर ध्यान देना होगा और उसके महत्व को आंकना होगा।

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