शिमला. हिमाचल में गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन में हुए करोड़ों के घोटाले के संबंध में विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने इसे महाघोटाला करार देते हुए कहा कि इसकी हाईलेबल यानि सीबीआई से जांच होनी चाहिए। अग्निहोत्री ने कहा कि जब हमने यह मुद्दा उठाया तब सरकार ने आनन फानन में आदेश दिया कि जो भी रजिस्ट्रेशन हुए हैं उन्हें रद्द कर दिया जाए। सरकार ने अभी तक एसआईटी तक नहीं बनाई है जबकि हजारों की संख्या में गाड़ी रजिस्टर्ड हो गई है। रजिस्ट्रेशन रद्द कर सरकार मामले को पूरी तरह दबाने का प्रयास कर रही है। सरकार का चाहिए कि इस मामले में सरकार के समक्ष फर्जी कागजात बनाने वालों के खिलाफ अपराधिक कार्रवाई भी करनी चाहिए। अग्निहोत्री ने कहा कि मामला बहुत बड़ा है जिसमें पांच हजार के करीब गाड़ियों का फर्जी रजिस्ट्रेशन हुई हैं, जिन्हें देश के कौन कौन से गाड़ियों की जांच करनी चाहिए। जिसके लिए सीबीआई जांच होनी चाहिए। अग्निहोत्री ने कहा कि इन रजिस्ट्रेशन के मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश को तोड़ा गया है। अग्निहोत्री ने कहा कि पालमपुर में ही 109 से अधिक गाड़ी फर्जी डॉक्यूमेंट के तहत रजिस्टर्ड हुईं हैं जिसमें मात्र केस दर्ज कर छोटे बाबुओं और दलालों को पकड़ा गया है जबकि इस पूरे मामले में बड़े मगरमच्छ शामिल हैं। सीबीआई जांच होगी तो सच सामने आएगा। पालमपुर में अभी तक मात्र 6 गाड़ियों को ही जब्त किया गया है। पालमपुर के अलावा नूरपुर, इंदौरा, बद्दी और नालागढ़ से भी इसी तरह के फर्जी रजिस्ट्रेशन के मामले सामने आए हैं। जिससे सरकार को पूरे प्रदेश में 31 मार्च 2020 के बाद रजिस्टर्ड हुई गाड़ियों की जांच करनी चाहिए। अग्निहोत्री ने कहा कि पालमपुर में जो गाड़ियां जब्त हुईं हैं उनमें सब करोड़ों रुपए की गाड़ियां हैं। जिसमें फरारी, मर्सडीज, बीएमडब्ल्यू, ऑडि, रेंज रोबर जैसी महंगी गाड़ियां शामिल है। 2 से 3 करोड़ की गाड़ियों की कीमत फार्म 20 और 21 को फर्जी बनाकर कम कीमत दिखाई गई है जिससे सरकार को करोड़ों रुपए का राजस्व के रुप में चूना लगा है। अग्निहोत्री ने सरकार से मांग की है कि इसे गंभीरता से लेते हुए सीबीआई जांच कराए जिससे प्रदेश में हुई महाघोटाले की सच्चाई जनता के सामने आए।