कैबिनेट मंत्री बन संभाला सूचना एवं प्रसारण और युवा एवं खेल मंत्रालय का कार्यभार
शिमला. हिमाचली छोकरे को केंद्रीय कैबिनेट में शामिल होने से हिमाचल को बड़ा तोहफा मिला है। प्रदेश के युवा नेता का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में स्थान पाना बहुत बड़ी उपलब्धि हैं। वह भी उस समय जब भाजपा के दिग्गज नेताओं को कैबिनेट से विदा किया गया। सरकार सीधे तौर पर नहीं कह सकती कि जिसका प्रमोशन मिला, उन्होंने बेहतर काम किया और जिन्होंने काम नहीं किया, उन्हें विदा किया गया। केंद्र सरकार में अनुराग ठाकुर को मिला प्रमोशन साबित करता है कि हिमाचल के युवा नेता ने काम के दम पर केंद्रीय नेतृत्व में जगह बनाई है। अनुराग ठाकुर ने केंद्र सरकार में लगभग दो वर्ष वित्त एवं राज्य मंत्री के रुप में कार्य किया। उनके कार्य का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आंकलन किया जिसे सही पाया और निर्णय लिया कि अनुराग ठाकुर को कैबिनेट मंत्री बनाकर बेहतर कार्य किया जा सकता है। अनुराग ठाकुर को केंद्रीय कैबिनेट में शामिल कर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और युवा एवं खेल मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई। सूचना क्रांति के युग में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का कार्य बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। मीडिया के माध्यम से जनता से पहुंचने वाली सूचनाओं से ही सरकार की छवि का निर्माण होता है। इसी तरह ही खेल मंत्रालय भी बहुत महत्वपूर्ण हैं। राजनीति में आने से पहले से ही अनुराग ठाकुर क्रिकेट की दुनिया से जुड़े रहे हैं और हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष रहने के बाद बीसीसीआई के अध्यक्ष भी रहे हैं। जिससे क्रिकेट के साथ अन्य खेलों के महत्व को वह बखूबी समझते हैं। खेल संघों की कार्य प्रणाली और उनमें होती सियासत से भी अनुराग ठाकुर परिचित है। जिससे तय है कि अनुराग ठाकुर के नेतृत्व में देश में खेल के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित होंगे।
आखिर यूं ही नहीं छू रहे अनुराग ठाकुर ऊंचाइयां
अनुराग ठाकुर अपने राजनैतिक कैरियर में लगातार ऊंचाइयों को छू रहे हैं। जिसके पीछे उनका लगन और ईमानदारी के साथ काम करना है। अनुराग ठाकुर ने सबसे पहले हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के कमान संभाली। एचपीसीए के अध्यक्ष बनने के बाद वह हिमाचल प्रदेश में क्रिकेट के विकास करने में जुट गए। अनुराग ठाकुर की ही देन है कि आज विश्व का सबसे सुंदर क्रिकेट स्टेडियम हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में है। इसके साथ ही प्रदेश के कई जिलों में छोटे क्रिकेट स्टेडियम बने और क्रिकेट अकादमी का भी संचालन शुरु हुआ। एचपीसीए के अध्यक्ष पद से सफर तय करते हुए अनुराग ठाकुर बीसीसीआई के अध्यक्ष पद भी विराजमान हुए जो क्रिकेट के लिए देश के बड़ी संस्था है। इसके साथ ही अनुराग ठाकुर युवा मोर्चा के भी राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर विराजमान हुए। इस दौरान तात्कालीन कांग्रेस सरकार के खिलाफ कई आंदोलन किए, जिससे उनकी पहचान राष्ट्रीय स्तर पर बनी। जिसमें सबसे प्रमुख श्रीनगर में तिरंगा फहराने को लेकर निकाली गई यात्रा प्रमुख थी। आज श्रीनगर में तिरंगा झंडा लहराया जा रहा है।
इसके साथ ही अनुराग ठाकुर ने भाजपा में राजनीति की शुरुआत की और वर्ष 2008 में पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के सांसद पद से इस्तीफा देने के बाद हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से सांसद का चुनाव लड़े और जीतकर पहली बार सांसद पहुंचे। इसके बाद अनुराग ठाकुर 2009 व 2014 को लोकसभा चुनाव भी जीते और सांसद के रुप में कार्य करते हुए अपने संसदीय क्षेत्र में विकास के नए आयाम स्थापित किए। वर्ष 2019 में भी लोकसभा का चुनाव जीतकर लगातार चौथी बार सांसद बने और केंद्र सरकार में वित्त राज्य मंत्री बने। वित्त राज्य मंत्री के रुप में बेहतर कार्य करने के कारण ही अनुराग को कैबिनेट मंत्री के रुप में प्रमोशन मिला।
संसदीय क्षेत्र में विकास के नए आयाम स्थापित
अनुराग ठाकुर अपने संसदीय क्षेत्र के विकास के लिए हमेशा प्रयासरत रहते हैं। बतौर सांसद रहते हुए ही उन्होंने संपूर्ण संसदीय क्षेत्र में विकास के नए आयाम स्थापित किए हैं। अनुराग का संसदीय क्षेत्र पांच जिलों के विधानसभा क्षेत्र को शामिल कर बना है। उन्होंने कांगड़ा जिले के देहरा में केंद्रीय विश्वविद्यायल का तोहफा दिया है तो हमीरपुर जिले को मेडिकल कॉलेज मिला है। बिलासपुर जिले में एम्स की स्थापना हो रही है तो ऊना जिले में रेल लाइनों के तोहफे के साथ क्रिकेट अकादमी, बड़ा हास्पितल सहित अन्य विकास कार्य भी किए हैं। यह तो उन कार्यों की बात है जो बड़े हैं, सांसद निधि से होने वाले विकास कार्यों की सूची तो बहुत लंबी हैं। इसके साथ ही बिलासपुर –भानुपल्ली रेल लाइन कार्य तेजी से चल रहा है तो ऊना से हमीरपुर तक की रेल लाइन बनाने की प्रक्रिया शुरु हो गई है। इस तरह अपने क्षेत्र के विकास में नए आयाम स्थापित करने में अनुराग ठाकुर सफल रहे हैं। अब केंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री बने हैं तो तय है कि हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में विकास की गति और तेज होगी।
सियासत में बढ़ा राजनैतिक कद
हिमाचल प्रदेश की सियासत में पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल परिवार बहुत की महत्वपूर्ण है। प्रेम कुमार धूमल प्रदेश के दो बार मुख्यमंत्री भी रहे हैं। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने प्रेम कुमार धूमल को मुख्यमंत्री का चेहरा बनाया लेकिन धूमल विधानसभा का चुनाव हार गए तो मुख्यमंत्री भी नहीं बन सके। प्रदेश में मुख्यमंत्री पद पर जयराम ठाकुर विराजमान हुए। सत्ता की कमान प्रेम कुमार धूमल के हाथ से निकल गई, जिससे प्रदेश की सियासत में बदलाव हुआ और राजनैतिक रुप से जुड़े लोग सत्ता के साथ चलने लगे। जिससे धूमल परिवार का राजनैतिक कद कम हुआ। अनुराग ठाकुर उस समय सिर्फ सांसद ही रहे, केंद्रीय मंत्रीमंडल में स्थान नहीं मिला था। धूमल के विधानसभा चुनाव हारने के बाद जनता अनुराग ठाकुर के राजनैतिक भविष्य पर सवाल खड़े करने लगा। इसके बाद 2019 के लोकसभा चुनाव हुए और अनुराग ठाकुर लगभग 3 लाख से अधिक वोटों से जीते और केंद्र की सरकार में राज्यमंत्री बने। अब वह कैबिनेट मंत्री बने हैं तो तय है कि उनका राजनैतिक कद बढ़ा है। राजनीति में लोग सत्ता की पावर के साथ ही जुड़ते हैं। जिससे अब कैबिनेट मंत्री बनने के बाद अनुराग ठाकुर का कद देश के साथ प्रदेश में भी बढ़ा है। जिससे धूमल परिवार से दूर बनाने या दिखाबे के तौर पर साथ खड़े होने वाले नेता व कार्यकर्ता भी अब अनुराग के प्रभाव से पीछे-पीछे चलते नजर आएंगे।
राष्ट्रीय स्तर पर किया कमाल
कैबिनेट मंत्री अनुराग ठाकुर ने राष्ट्रीय स्तर पर भी केंद्र सरकार और भाजपा के लिए कमाल का काम किया है। संसद में जब कांग्रेस के नेता राफेल मामले को लेकर केंद्र सरकार और सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर घेर रहे थे, तब अनुराग ठाकुर ने सीधे राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए तीखा हमला बोला था। इसके साथ ही वह संसद से लेकर सड़क तक मीडिया के सामने पार्टी के पक्ष में विपक्ष को घेरते हुए आक्रामक बयान देते रहे हैं। दिल्ली में हुए विधानसभा चुनाव में देश के गद्दारों को —-नारे लगाने के कारण चर्चित भी हुए और विवाद में आए। इसके साथ पार्टी ने उन्हें जम्मू कश्मीर में हुए पंचायत विकास परिषद के चुनाव का प्रभारी बनाया तो वहां भी भाजपा के पक्ष में बेहतर परिणाम आए। इसके साथ ही हाल ही में हुए असम, बंगाल के चुनावों में अनुराग ठाकुर को प्रचार करने की जिम्मेदारी मिली, जिसे उन्होंने बखूबी निभाया। कोरोना काल में जब प्रदेश में ऑक्सीजन का संकट पैदा हुआ तो उन्होंने प्रदेश को ऑक्सीजन उपलब्ध कराने का कार्य किया। अनुराग ठाकुर के प्रयासों से ही प्रदेश के कई अस्पतालों में अब ऑक्सीजन प्लांट लग रहे हैं। इस कारण कोरोना काल में बेहतर काम करने के कारण भी अनुराग ठाकुर की छवि में निखार आया।
धूमल गौरवान्वित, समर्थकों में खुशी
हमीरपुर से सांसद अनुराग ठाकुर के कैबिनेट मंत्री बनने पर उनके पिता प्रेम कुमार धूमल अपने आप को गौरवान्वित महसूस करते हैं। बेटै अनुराग ठाकुर के कैबिनेट मंत्री बनने पर पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि जब बेटा ऊंचा मुकाम हासिल करना है तो स्वाभाविक है कि पिता का सर गर्व से ऊंचा उठता है। आज मैं और पूरा परिवार अपने आप को बहुत ही गौरवान्वित महसूस कर रहा है कि उनका अनुराग ठाकुर कैबिनेट मंत्री बना। परिवार के साथ अनुराग ठाकुर के समर्थको में भी खुशी की लहर दौड़ रही है। कैबिनेट मंत्री बनने पर समीरपुर के साथ हमीरपुर, ऊना और बिलासपुर जिले में मिठाईयां बांटकर खुशी का इजहार किया। वहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अनुराग ठाकुर को कैबिनेट मंत्री बनने पर बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह प्रदेश के लिए गर्व की बात है।