शिमला. आयुर्वेद विभाग में डॉक्टरों की डेपुटेशन के मामले में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सहजल का कहना है कि विभाग में डॉक्टरों की अनावश्यक डेपुटेशन को रद्द किया जाएगा। सहजल ने कहा कि अभी भी बहुत से डॉक्टरों की डेपुटेशन को रद्द कर पोस्टिंग वाले स्थान पर भेजने के आदेश दिए हैं। कितने डॉक्टरों की डेपुटेशन रद्द की हैं, इसके जवाब में मंत्री जी कहते हैं कि अभी सफर में हूं तो सही संख्या नहीं बता सकता। मंत्री जी यह भी कहते हैं कि डॉक्टरों को डेपुटेशन में तभी लगाया जाता है, जब कोई आवश्यक कारण हो। मंत्री जी के जवाब पर सवाल यह उठता है कि डॉक्टरों की भर्ती मरीजों के इलाज के लिए होती है। ऐसे कौन से जरुरी कारण आ जाते हैं कि डॉक्टरों को दूर दराज के क्षेत्रों में इलाज करने के बजाय शहरी क्षेत्रों में तैनाती दी जाए। मंत्री जी के जवाब से यह भी तय है कि सभी डॉक्टरों को मरीजों के इलाज के ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में नहीं भेजा जाएगा, क्योंकि इसमें डेपुटेशन की शर्त में आवश्यक और अनावश्यक लगा दिया गया है।
आयुर्वेद विभाग में डॉक्टरों की डेपुटेशन का मामला तब चर्चा में आया जब सरकार ने प्रिंसिपल सेकेट्री ओंकार शर्मा को एक माह में ही आयुर्वेद विभाग से तबादला कर दिया। एक माह में ही प्रिंसिपल सेकेट्री के तबादले पर सवाल उठे कि आखिर एक माह में तबादला क्यों हुआ। तब चर्चा में यह बात सामने आई कि प्रिंसिपल सेकेट्री ने आयुर्वेद विभाग में कार्यरत लगभग 800 डॉक्टरों में से करीब 300 डॉक्टर ग्रामीण और दूरदराज क्षेत्रों की पोस्टिंग में होते हुए शहरी क्षेत्रों में डेपुटेशन पर कार्य कर रहे हैं। ओंकार शर्मा ने सभी डेपुटेशन को रद्द कर डॉक्टरों को ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्र में पोस्टिंग स्थल पर भेजने की शुरुआत की। जिससे जुगाड़ लगाकर शहरों में बैठे डॉक्टर परेशान हुए और सरकार पर पास शिकायत की होगी। ओंकार शर्मा ने इस मामले में कुछ डॉक्टरों को डिमोट भी किया है। इसके बाद ओंकार शर्मा से आयुर्वेद विभाग का कामकाज छीन लिया गया। ओंकार शर्मा के तबादले पर सरकार पर भी सवाल उठे।
मंत्री जी ने एक जवाब और दिया कि डेपुटेशन तो हर विभाग में होती है, अकेले आयुर्वेद विभाग में नहीं है। यह बात सौ फीसदी सही बोली गई। सरकार के शिक्षा विभाग में भी ऐसे कई मामले सामने आते हैं कि शिक्षक का काम पढ़ना है लेकिन वह स्कूलों में न जाकर शहरी क्षेत्रों में कार्यालय में बाबूगिरी का काम करते हैं। सरकार को चाहिए कि डेपुटेशन का जुगाड़ सिस्टम पूरी तरह खत्म करे और जिसका जो काम है, उस काम के लिए पोस्टिंग देकर काम ले।