
-भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष ने पं. लख्मीचंद के गांव जांटी कलां में मूर्ति स्थापना के लिए एक लाख रुपये देने की घोषणा की
-भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने जांटी गांव में पं. लख्मीचंद की 124वीं जयंती समारोह का दीप प्रज्वलित कर किया शुभारंभ
सोनीपत, 22 जनवरी। सूर्यकवि पंडित लख्मीचंद की गांव जांटी कलां में आयोजित 124वीं जयंती समारोह का मुख्यातिथि के रूप में दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ करते हुए भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष एवं पूर्व विधायक मोहनलाल बड़ौली ने बधाई दी। उन्होंने पं. लख्मीचंद को नमन करते हुए कहा कि वे अपनी दूरदर्शी काव्य रचनाओं के माध्यम से सदैव अमर रहेंगे। आज भी उनकी रचनाओं को गाया जाता है और खूब पसंद किया जाता है।
दादा लख्मीचंद सेवा समिति के तत्वावधान में जांटी के ग्रामीणों ने एकजुट होकर पं. लख्मीचंद के जयंती समारोह का आयोजन किया, जिसमें बड़ी संख्या में ग्रामीणों व गणमान्य लोगों ने हिस्सा लिया। समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली ने गांव में स्थापित पंडित लख्मीचंद पार्क में सूर्यकवि की मूर्ति की स्थापना के लिए एक लाख रुपये भेंट करने की घोषणा भी की। उन्होंने कहा कि पं. लख्मीचंद हरियाणा प्रदेश का गौरव हैं, जिन्होंने दशकों पूर्व ही अपनी रचनाओं में भविष्य की रूपरेखा को प्रस्तुत कर दिया था। पं. लख्मीचंद की कही गई हर बात सत्य साबित हो रही है। उन्हें सूर्यकवि की संज्ञा दी गई, जो कि एक सर्वोच्च उपलब्धि है।
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि आज के रचनाकारों को पं. लख्मीचंद से बहुत कुछ सीखना चाहिए, जिन्होंने लोकप्रियता के लिए कभी मूल्यों से समझौता नहीं किया। उनका हर एक शब्द हर एक रचना बेहद महत्वपूर्ण रही है। उन्हें दादा कहकहर प्रेमपूर्वक व सम्मानपूर्वक संबोधन दिया जाता है। उन्होंने कहा कि वे सौभागयशाली हैं कि उन्हें जांटी की पवित्र भूमि में आने का अवसर मिला, जहां पं. लख्मीचंद ने जन्म लिया। जांटी का वासी विश्व में कहीं भी जाता है तो उसको अलग पहचान मिलती है कि वह सूर्यकवि की जन्मस्थली से आये हैं।
पूर्व विधायक मोहनलाल बड़ौली ने कहा कि हमारा देश-प्रदेश संस्कारों का वाहक हैं। सूर्यकवि सरीखी संतात्माओं ने संस्कारों को मजबूती दी है और यहां के भाईचारे को ताकत दी है। हरियाणा ऐसा प्रदेश है जहां हरि का आना हुआ। इसी हरि के प्रदेश में पं. लख्मीचंद का भी जन्म हुआ। हम सबके लिए यह गौरवमयी है। अब हमारी युवा पीढ़ी का दायित्व बनता है कि वे उन्हें मिले संस्कारों व संस्कृति का पालन-पोषण करें। हमारी संस्कृति ही हमारी पहचान है। गायक कलाकार रणबीर बड़वासनी भी इस परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं। भाई विष्णु भी दादा लख्मीचंद की विरासत को संरक्षित करते हुए लोककला को जिंदा रख रहे हैं।
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष बड़ौली ने उपस्थित जनसमूह का आह्वïान किया कि वे दादा लख्मीचंद द्वारा कही गई हर एक बात का अनुसरण करें। ऐसा करके हम जीवन को सफल बना सकते हैं। उनकी रचनाओं में जीवन का रहस्य है, जिसे गंभीरता समझने की जरूरत है। ऐसे अनूठे रचनाकारों का आना धरतीवासियों के लिए सौभागय की बात होती है। विशेष रूप से जांटीवासी परम सौभागयशाली हैं। हमें प्रतिवर्ष उत्साह व श्रद्घा के साथ उनकी जयंती मनानी चाहिए।
इस अवसर पर निशांत छौक्कर, अशोक भारद्वाज, अरूण चौहान, राजेश मलिकपुर, सरपंच सतीश, विष्णुदत्त, देवदत्त, फूल सिंह नंबरदार, मास्टर रणबीर, रमेश सिंधू, बिजेंद्र पाराशर, राजेंद्र गौतम, जयराम सरपंच, प्रवीण त्यागी, विशाल छौक्कर, दीपक आदि गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।