मुख्यमंत्री ने पहली अक्तूबर से बद्दी में एसडीएम कार्यालय खोलने की घोषणा की
अधिकारियों को बद्दी बस स्टैंड की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट बनाने के निर्देश दिए
सोलन जिले के बद्दी में इस वर्ष पहली अक्तूबर से उपमंडलाधिकारी (एसडीएम) का कार्यालय खोला जाएगा। यह घोषणा मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रदेश के मुख्यमंत्री का पदभार ग्रहण करने के बाद, दून विधानसभा क्षेत्र के पहले दौरे के दौरान हनुमान चौक बद्दी में विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए की। उन्होंने बद्दी में बीएमओ कार्यालय और झारमाजरी में पटवार वृत खोलने की घोषणा भी की। उन्होंने अधिकारियों को बद्दी बस स्टैंड की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पिछली सरकार के वित्तीय कुप्रबंधन के कारण राज्य के प्रत्येक व्यक्ति पर 92,840 रुपये का ऋण है, जिससे राज्य को आर्थिक संकट के दौर का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की आर्थिक स्थिति इतनी खराब है कि राज्य के विभिन्न व्ययों का प्रबंधन करने में मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार को पिछली सरकार की देनदारियों को चुकाने के लिए 6000 करोड़ रुपये का ऋण लेना पड़ा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने के बाद वे वित्तीय अनुशासन के दृष्टिगत निर्णय लेकर राज्य की आर्थिक स्थिति को पटरी पर लाने के लिए ठोस प्रयास कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार संसाधन जुटाने के लिए काम कर रही है, ताकि विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं के लिए राज्य के पास धन उपलब्ध हो सके। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में स्थापित जलविद्युत परियोजनाओं पर जल उपकर लगाया गया है, जिससे राज्य की वित्तीय स्थिति में काफी सुधार आएगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने राज्य की शराब की दुकानों की नीलामी की है, जिससे राजस्व में 40 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सरकार ने राज्य के 6000 अनाथ बच्चों के लिए मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना आरंभ की है, ताकि सरकार द्वारा अनाथ बच्चों की देखभाल सुनिश्चित की जा सके। योजना के तहत अनाथ बच्चों की उच्च शिक्षा का पूरा खर्च राज्य सरकार वहन करेगी। इसके साथ ही 4000 रुपये पॉकेट खर्च के तौर पर दिए जाएंगे और वर्ष में एक बार उनके एक्सपोजर विजिट का व्यय भी सरकार वहन करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा अनाथ बच्चों को घर बनाने के लिए तीन बिस्वा जमीन और आर्थिक सहायता भी दी जाएगी। राज्य सरकार जरूरतमंद लोगों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति से अवगत है और उनके जीवन में सुधार के लिए विभिन्न कदम उठा रही है ताकि वे एक सम्मानित जीवन जी सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गरीब छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए एक प्रतिशत की दर से ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है ताकि कोई भी बच्चा संसाधनों के अभाव में शिक्षा से वंचित न रहे। उन्होंने कहा कि एकल नारी को घर बनाने के लिए डेढ़ लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का बजट में प्रावधान किया गया है। इसके अलावा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए बजट में कई प्रावधान किए गए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ई-ट्रक, ई-बस, ई-टैक्सी और ई-गुड्स कैरियर की खरीद के लिए 50 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान करेगी जिसके कि न केवल हिमाचल प्रदेश को देश का हरित राज्य बनने में सहायता मिलेगी, बल्कि युवाओं को स्वरोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे। उन्होंने कहा कि राज्य के युवाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए 250 किलोवाट से 2 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करने पर 40 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री की ओर से 30,000 से अधिक परिवारों को 377 करोड़ रुपए की मुआवजा राशि वितरित करने की प्रक्रिया शुरू
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