शिमला. विधानसभा का मानसून सत्र जनहित के मुद्दों को लेकर हंगामें दार होगा। विधानसभा में सरकार को घेरने के लिए विपक्ष दल कांग्रेस के विधायक रणनीति बना रहे हैं। यह तय माना जा रहा है कि विधानसभा में महंगाई, प्रदेश में बढ़ती बेरोजगारी और कर्मचारियों के मुद्दों को उठाकर विपक्ष सरकार को घेरने का प्रयास करेगा। विधानसभा में विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री कहते हैं कि डबल इंजन की सरकार हर क्षेत्र में पूरी तरह नाकाम है। महंगाई आसमान छू रही है, जिससे आम आदमी का जीना मुश्किल हो गया है और सरकार सोई हुई नजर आ रही है। पेट्रोल सौ रुपए लीटर हो गया है, डीजल भी महंगा, रसोई गैस का सिलेंडर नौ सौ रुपए से अधिक का हो गया है। खाने का तेल, चीनी, दाल, आटा और चावल सहित हर चीज महंगी हो रही है। जिससे साबित होता है कि अब सरकार के बस में कुछ नहीं है और आम आदमी का जीना मुश्किल हो रहा है। इस कारण सबसे पहले महंगाई का मुद्दा विधानसभा में उठाया जाएगा। इसके साथ में प्रदेश में बेरोजगारी बढ़ती जा रही है। सरकार रोजगार देने में पूरी तरह नाकाम है। प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले युवाओं की नौकरी भी कोरोना काल में खत्म हो गईं हैं। लेकिन सरकार न तो नौकरी दे पाई है और न ही कोई आर्थिक राहत प्रदान कर सकी है। प्रदेश में बेरोजगारों की संख्या दस लाख से अधिक हो गई है। लेकिन सरकार किसी भी क्षेत्र में रोजगार देने में नाकाम रही हे। इसके साथ की सदन में कर्मचारियों और आउटसोर्स कर्मचारियों का मुद्दा भी उठेगा। इसके साथ ही जलजीवन मिशन के तहत की गई भर्तियों में भेदभाव और हेराफेरी का मुद्दा भी विधानसभा में गूंजेगा। अग्निहोत्री ने कहा कि भाजपा के शासनकाल में माफिया चरम पर हावी है और सरकार के संरक्षण में माफिया काम कर रहा है। ऊना जिले की स्वां नदी के साथ कांगड़ा, सोलन, सिरमौर में खुलेआम खनन हो रहा है। भाजपा के नेता ही खनन माफिया के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। सरकार खनन रोकने में पूरी तरह नाकाम रही है। अग्निहोत्री ने कहा कि भाजपा डबल इंजन की सरकार से विकास करने के दाबे करती है लेकिन अब दोनों इंजन फेल हो चुके हैं। मुख्यमंत्री और मंत्री घोषणाएं तो करते हैं लेकिन हिमाचल में कहीं भी विकास नजर नहीं आता है। जिससे साबित हो गया है कि सरकार पूरी तरह नाकाम है।